धान खरीदी शुरू होते ही हड़ताल पर गए राइस मिलर्स, सरकार से एक हजार करोड़ का पेमेंट अटकने से हैं नाराज
धान मिलर्स एसोसिएशन का कहना है कि धान मिलिंग करने के बाद FCI और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा किए जाने के एवज में अपग्रेडेशन राशि दी जाती है। लेकिन, पिछले साल की राशि अब तक नहीं मिली है।
भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल 2 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू हुई है। लेकिन खरीदी शुरू होते ही राइस मिलर्स हड़ताल पर चले गए हैं। बुधवार को भोपाल में राइस मिलर्स नागरिक आपूर्ति निगम के दफ्तर पहुंचे और निगम के एमडी पीएन यादव को अपनी मिलों की चाबियां सौंपी। इस दौरान मिल मालिकों ने नारेबाजी भी की। राइस मिलर्स सीएम से मिलने पर अडे़ हुए हैं।
मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि धान मिलिंग करने के बाद FCI और नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा किए जाने के एवज में अपग्रेडेशन राशि दी जाती है। लेकिन, पिछले साल की राशि अब तक नहीं मिली है। हम लोग मंत्री से लेकर अधिकारियों तक यह परेशानी बता चुके हैं। अब हम अपनी-अपनी मिलों की चाबी लेकर भोपाल आए हैं।
वहीं, मध्य प्रदेश चावल उद्योग महासंघ के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल ने बताया कि धान की मिलिंग में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जब तक राज्य सरकार आश्वासन नहीं देती है, तब तक कोई भी मिलर्स मध्य प्रदेश में खरीदी जाने वाली धान की मिलिंग नहीं करेगा। हमने पिछले दो साल में जो धान मिलिंग का काम किया है, उसका कुल मिलाकर करीब 1 हजार करोड़ रुपए शासन से मिलर्स को नहीं मिला है।
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अग्रवाल कहना है कि दो दिसंबर से प्रदेश में धान का उपार्जन शुरू हो गया है। राज्य सरकार चाहती है कि पंद्रह जून तक कस्टम मिलिंग का काम पूरा कर अधिक से अधिक धान समितियों से सीधे मिलर्स को मिलिंग के लिए दे दी जाएं, लेकिन मिलर्स की समस्याओं के निराकरण के बिना धान की कस्टम मिलिंग चालू हो पाना संभव नहीं है।