दान के पैसों पर जिंदा रहने वाला एक नाकाम देश, भारत ने UN में पाकिस्तान को लगाई फटकार

एक देश के रूप में जहां मानवाधिकारों का हनन होता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी घोषित किए गए लोगों को बेशर्मी से पनाह देता है। वो पाकिस्तान किसी को उपदेश देने की स्थिति में नहीं है: भारत

Updated: Feb 27, 2025, 02:36 PM IST

जेनेवा। भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 58वें सत्र की सातवीं बैठक में पाकिस्तान पर जोरदार हमला बोला। भारत ने उसे अंतरराष्ट्रीय मदद पर फलने-फूलने वाला एक विफल देश करार दिया। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि पाकिस्तानी नेता अपने सैन्य-आतंकवादी परिसर से झूठ फैलाते रहे।

दरअसल, पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगाता रहा है। इस पर भारत ने पलटवार करते हुए कहा कि पाकिस्तान एक नाकाम देश है, जो खुद दान के पैसों पर जिंदा रहता है। संयुक्त राष्ट्र (UN) में इनके प्रतिनिधियों की तरफ से दिए गए भाषणों में पाखंड की बू आती है।

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UN में भारत के स्थायी मिशन के अधिकारी क्षितिज त्यागी ने कहा कि हमें इसमें कोई आश्चर्य नहीं होता कि पाकिस्तानी नेता आतंकियों की तरफ से प्रचारित झूठ को फैलाते हैं। पाकिस्तान ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) को अपना मुखपत्र बताकर संगठन का मजाक उड़ा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस संगठन का समय एक असफल राज्य द्वारा बर्बाद किया जा रहा है।

त्यागी ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जहां मानवाधिकारों का हनन, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और लोकतांत्रिक मूल्यों को पालन न करना उनकी नीतियों का हिस्सा है। वे बेशर्मी से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों को पनाह देते हैं। क्षितिज त्यागी ने जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की तरफ से लगाए गए आरोपों पर कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न हिस्सा थे, हैं और रहेंगे। पाकिस्तान को भारत की बजाय अपने देश के हालात बदलना चाहिए।

त्यागी ने यह भी कहा कि इनकी (पाकिस्तान) बयानबाजी में पाखंड की बू आती है। इसकी हरकतें अमानवीय हैं और ये शासन व्यवस्था चलाने में अक्षमता हैं। भारत लोकतंत्र, प्रगति और अपने लोगों के लिए सम्मान सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। इससे पहले UNHRC को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के कानून, न्याय और मानवाधिकार मंत्री आजम नजीर तरार ने दावा किया था कि कश्मीर में लोगों के अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है। यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है।