हवा में जल उठा विमान, नीचे गिरता रहा मलबा, फिर भी पायलट ने कराई सुरक्षित लैंडिंग

इंजन में आग लगने के वक्त विमान में 231 यात्री और 10 क्रू मेंबर मौजूद थे, पायलट ने बेहद सूझबूझ से कराई इमरजेंसी लैंडिंग, किसी के हताहत होने की खबर नहीं

Updated: Feb 21, 2021, 01:23 PM IST

डेनवर। अमेरिका के डेनवर शहर से होनोलूलू की ओर जा रहे एक यात्री विमान के इंजन में उस वक्त आग लग गई जब वो हवा में कम से कम एक हज़ार फीट की ऊंचाई पर था। विमान के इंजन में ब्लास्ट के बाद इंजन धू-धूकर जलने लगा। इतना ही नहीं विमान से मलबा टूट-टूटकर नीचे गिरने लगा। इस खौफनाक हादसे के दौरान विमान में 231 यात्री और 10 क्रू मेंबर सवार थे। सबकी जान जोखिम में थी। किसी भी पल कुछ भी हो सकता था। लेकिन विमान के पायलट ने वो कर दिखाया जो किसी चमत्कार से कम नहीं। पायलट ने आग लगने के समय करीब एक हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे विमान को इतनी सावधानी और समझदारी से लैंड कराया कि किसी का बाल बांका नहीं हुआ।

इस विमान दुर्घटना के कुछ वीडियो और फोटोग्राफ भी सामने आए हैं, जिन्हें देखकर अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उस वक्त हालात कितने भयानक थे। एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह विमान से आग की लपटें निकल रही हैं। यह वीडियो विमान में सवार एक यात्री ने अपने मोबाइल से बनाया है। 

 

अमेरिकी फेडरल एविएशन ऐडमिनिस्ट्रेशन ने बताया कि होनोलूलू जा रहा बोईंग 777 विमान टेकऑफ के फौरन बाद एक इंजन फेल होने के चलते वापस लौट आया। उड़ान शुरू होने के थोड़ी ही देर बाद जैसे ही विमान 1 हजार फीट की ऊंचाई पर पहुंचा उसका इंजन फेल हो गया और उसमें आग लग गई। अच्छी बात यह रही कि प्लेन उड़ान भरने के 20 मिनट बाद ही सुरक्षित नीचे उतर आया और किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। 

इंजन में आग लगने के बाद पायलट ने बेहद सूझबूझ और धैर्य का परिचय दिया। पायलट ने इस बात की जानकारी फौरन ग्राउंड कंट्रोल रूम और इमरजेंसी स्टाफ को दी। इसके करीब 20 मिनट के बाद ही विमान की सुरक्षित लैंडिंग भी करा ली गई। इस तरह विमान में सवार सभी  241 लोग सुरक्षित बच गए। 

कोलाराडो के ब्रम्फील्ड में पुलिस द्वारा पोस्ट की गई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि विमान का मलबा और इंजन का टुकड़ा एक घर के बाहर पड़ा हुआ है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वह मलबे से दूर रहें और ऐसे जगहों की घेराबंदी कर दी गई है। खबर लिखे जाने तक विमान में आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं हो सका था।