एक ट्वीट पर आकार पटेल के खिलाफ FIR दर्ज
अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद हो रहे प्रदर्शन का वीडियो शेयर करते हुए आकार पटेल ने लिखा था कि हमें भी ऐसे प्रोटेस्ट करने की जरूरत है।
बेंगलुरु पुलिस ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व डायरेक्टर आकार पटेल पर उनकी ट्विटर पोस्ट को लेकर एफआईआर की है। आकार पटेल देश के जानेमाने लेखक, पत्रकार व ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट हैं। उन्होंने 31 मई को अमरीकी मीडिया हाउस कोलोराडो टाइम्स रिकॉर्डर का एक वीडियो रिट्वीट किया था जिसमें अमेरिका में हो रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दिखाया गया था। इस पर बेंगलुरु पुलिस ने उनपर लोगों को प्रदर्शन के लिए भड़काने और उकसाने के आरोप में धारा 505 (1) (b), 153 व 117 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व डायरेक्टर आकार पटेल हमेशा सरकार के दमनकारी रवैये के खिलाफ मुखर रहे हैं। उन्होंने ह्यूमन राइट्स को लेकर देशभर में काफी कार्य किया है। अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के वजह से रंगभेद के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन ने पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इसी दौरान 31 मई को अमरीकी मीडिया हाउस कोलोराडो टाइम्स रिकॉर्डर ने ट्वीटर पर एक वीडियो शेयर किया था। वीडियो में देखा जा सकता है कि हजारों लोग अमरीका की सड़कों पर रंगभेद के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। पटेल ने इस पोस्ट को रिट्वीट करते हुए लिखा था कि हमें भी ऐसे प्रोटेस्ट करने की जरूरत है। दलितों, आदिवासियों, गरीबों, मुसलमानों और महिलाओं के द्वारा। दुनिया नोटिस करेगी, प्रोटेस्ट एक क्राफ्ट है।
इस ट्वीट को आपत्तिजनक मानते हुए बेंगलुरु के जेसी नगर पुलिस थाने में पटेल के खिलाफ अल्पसंख्यकों को विरोध के लिए भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के मौजूदा डायरेक्टर अविनाश कुमार ने पुलिस की इस कार्रवाई को फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के राइट का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा, 'बेंगलुरु पुलिस की यह कार्रवाई देशभर में आम नागरिकों के अधिकारों को अपराध सिद्ध करने का दूसरा उदाहरण है। बेंगलुरु पुलिस ऑथोरिटी द्वारा लोगों को प्रताडि़त करने का यह काम शीघ्र रोका जाए।'
We need protests like these. From Dalits and Muslims and Adivasis. And the poor. And women.
— Aakar Patel (@Aakar__Patel) May 31, 2020
World will notice. Protest is a craft. https://t.co/6btWiMtbOX
उन्होंने कहा कि संविधान ने सभी को सत्ता में बैठे लोगों से सहमत या असहमत होने का अधिकार दिया है। सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना कोई क्राइम नहीं है। सरकार की नीतियों से असहमत होने का मतलब देशद्रोह नहीं होता है। आकार पटेल संविधान से प्राप्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार को इस्तेमाल करने के लिए स्वतंत्र हैं।'