China attack : वे 2000 से ज्‍यादा थे और हम निहत्‍थे 300-400

Truth Of Galvan Valley : चीनी सेना के हमले में घायल हुए जवान ने होश में आने के बाद परिवार को बताई हकीकत

Publish: Jun 20, 2020, 04:10 AM IST

हम 300-400 सैनिक थे, तो वहीं चीनी सैनिक 2000 से ज़्यादा की संख्या में थे। अचानक चीनी सैनिकों ने हमें घेर लिया और डंडे, रॉड, पत्थर बरसाने लगे। पता ही नहीं चला कि मैं कब उनके घेरे में आ गया। चीनी सैनिकों से निहत्था होने के बावजूद हमारी फौज ने डट कर मुकाबला किया।

सोमवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ हुई हिसंक झड़प में घायल होने वाले जवान सुरेन्द्र सिंह ने होश आने के बाद सेना के अधिकारियों व अपने परिजनों को यह आपबीती सुनाई है। आजतक सहित विभिन्‍न मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सैनिकों के हमले से घायल हुए राजस्थान के अलवर निवासी सैनिक सुरेन्द्र सिंह को 15 घंटे बाद होश आया। होश में आने के बाद उन्होंने अधिकारियों और फोन पर प‍रिजनों को आपबीती बताई। सुरेंद्र सिंह के रहने वाले हैं। अभी फिलहाल उनका लद्दाख के अस्पताल में उपचार हो रहा है।

 

सुरेंद्र सिंह ने अपने पिता व पत्नी से बातचीत कर खुद की हालत में सुधार होने की जानकारी दी। उनके पिता बलवंत सिंह के अनुसार सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हम 300-400 सैनिक थे, तो वहीं चीनी सैनिक 2000 से ज़्यादा की संख्या में थे। अचानक चीनी सैनिकों ने हमें घेर लिया और डंडे, रॉड, पत्थर बरसाने लगे। पता ही नहीं चला कि मैं कब उनके घेरे में आ गया। चीनी सैनिकों से निहत्था होने के बावजूद हमारी फौज ने डट कर मुकाबला किया। अपने पिता से बातचीत के दौरान सुरेंद्र सिंह ने भगवान को जीवन दान देने का शुक्रिया अदा किया।

पिता से बातचीत करने के बाद सुरेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी गुरप्रीत कौर से बातचीत कर अपने हाल चाल के बारे में बताया। सुरेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी को उस रात हुई हिंसक झड़प के बारे में बताया कि मेरे ऊपर अचानक दो तीन लोग इकट्ठा झपट पड़े। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हाथापाई में दो जनों को उन्होंने ने भी घायल कर दिया। सुरेंद्र ने अपनी को बताया कि श्री साहिब ने मेरी जान की रक्षा कर ली। 

सेना के बजट में हो रहा है इज़ाफ़ा, लेकिन हथियारों के मामले में कहां खड़ा है भारत?

भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनातनी जारी है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आता है। नेपाल के साथ भी सीमा विवाद जारी है। कोरोना से जूझने के साथ साथ अपने पड़ोसी मुल्कों का रवैया भी भारत के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। ऐसे में सीमा पर खराब हालात को देखते हुए अगर हम भारत की युद्ध तैयारियों की बात करें तो यह बहुत हद तक संतोषजनक प्रतीत नहीं होती है। भारत सरकार हर साल के अपने बजट में सेना के बजट में बढ़ोतरी करती है। बावजूद इसके भारत अभी भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है। 

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सऊदी अरब के बाद दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश है।इसका मतलब यह है कि भारत बाकी देशों के मुकाबले युद्ध हथियारों को लेकर आत्मनिर्भर नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत हथियारों के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयतक देश होने के बाद भी देश में डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर तो तैयार करने में नाकामयाब रहा है। तो वहीं हथियारों के निर्यात के मामले में भी भारत की बिक्री घटी है। अगर दुनिया के हथियार बाजार में भारत की बात करें तो सार्वजनिक क्षेत्र की तीन शीर्ष रक्षा कंपनियों की सामूहिक बिक्री साल 2018 में 6.9 फीसदी घटकर 5.9 अरब अमेरिकी डॉलर रह गई। ये तीन कं‍पनियां दुनिया की सौ हथियार विक्रेता कं‍पनियों में शुमार हैं। टॉप 100 में से हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स 38 वें, इंडियन ऑडिनेंस फेक्‍ट्रीज 56 वें तथा भारत इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स 62 वें नंबर की कंपनी है। ऐसे में यह बात ज़ाहिर है कि हर वर्ष सेना के बजट में इज़ाफ़ा होने के बावजूद भारत हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर नहीं बन पाया है। जो कि युद्ध स्तर की तैयारियों के मद्देनजर भारत के पिछड़ने की गवाही दे रहा है।