नेपाल में भारतीय चैनलों पर लगा बैन

Nepal सरकार का मानना है कि भारतीय मीडिया ने किया नेपाल और पीएम के खिलाफ आधारहीन प्रचार

Publish: Jul 10, 2020, 09:06 PM IST

नई दिल्‍ली। भारत के साथ जारी तनातनी के बीच नेपाल में केबल ऑपरेटर्स ने सभी भारतीय न्यूज चैनलों का प्रसारण रोक लगा दिया है। हालांकि डीडी न्‍यूज का प्रसारण जारी है। केबल ऑपरेटर्स ने यह कदम नेपाल के विरूद्ध प्रचार करने का आधार बनाते हुए उठाया है।

पूर्व उप प्रधानमंत्री ने की थी चैनलों पर प्रतिबंध के मांग

नेपाल में भारतीय चैनलों को प्रतिबंधित किए जाने से पहले नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री और वर्तमान में नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के प्रवक्ता नारायण काजी ने अपना बयान जारी करते हुए कहा था कि भारतीय मीडिया ने हमारे देश और पीएम के खिलाफ आधारहीन प्रचार की सारी सीमाएं पार कर दी हैं। नारायण काजी ने कहा कि इस निराधार प्रोपगंडा पर रोक लगा देनी चाहिए।

फैसले का नेपाल में विरोध

नेपाल सरकार के द्वारा भारतीय चैनलों को प्रतिबंधित करने के फैसले का नेपाल में ही विरोध हो रहा है। भारतीय निजी चैनलों को प्रतिबंधित करने का विरोध विशेषकर मधेशी क्षेत्र में हो रहा है। स्थानीय मधेशी नेता नेपाल सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार के इस फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा। दैनिक जागरण के मुताबिक भैरवहा से विधायक संतोष पांडेय ने कहा कि कैबल ऑपरेटरों और वितरकों के इस फैसले से दोनों देशों के बीच टकराव और बढ़ जाएगा। इसके साथ ही मधेशी नेता व सांसद प्रमोद यादव, विधायक अष्टभुजा पाठक व पूर्व मंत्री गुलजारी यादव ने भी भारतीय निजी समाचार चैनलों के प्रसारण पर रोक संबंधी आदेश को तनाव बढ़ाने वाला कदम बताया है। क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि सरकार से इस फैसले को वापस लेने की बात कर रहे हैं।

नक्शा, नागरिकता और अब न्यूज़

भारत और नेपाल के बीच जारी तनाव को शुरू हुए काफी लंबा समय बीत चुका है। भारत और नेपाल के बीच तनाव तब बढ़ गया जब नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने संसद में नक्शे में संशोधन कर नया नक्शा पारित कर दिया। जिसमें भारतीय क्षेत्र में पड़ने वाले लिपुलेख, लिंपियाथुरा और कालापानी को नेपाल सरकार ने आधिकारिक तौर पर अपनी सीमा का हिस्सा बता दिया है।

नक्शे के बाद नेपाल सरकार ने नागरिकता को लेकर कड़े नियम लागू कर दिए। जिसके अनुसार किसी भी भारतीय लड़की को नेपाल में शादी के सात साल बाद ही नेपाल की नागरिकता मिल सकेगी। इससे पहले किसी भी नेपाली व्यक्ति से शादी करते ही भारत के किसी भी लड़की को तुरन्त ही नागरिकता प्रदान की जाने की व्यवस्था थी।

नक्शा, नागरिकता के बाद अब नेपाल सरकार ने अब भारतीय न्यूज़ चैनलों को प्रतिबंधित कर दिया है। नेपाल का कहना है कि भारतीय निजी चैनल देश के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाल सरकार के खिलाफ भ्रामक, तथ्यहीन प्रचार कर रहा है।