नेपाल ने चीनी कंपनी को दिया करेंसी छापने का ठेका, नोट पर बने मैप में 3 भारतीय इलाके

इन नोटों पर बने नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी इलाके को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है।

Updated: Oct 31, 2024, 02:26 PM IST

काठमांडू। नेपाल और भारत के बीच रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में बेहद खराब हुए हैं। इस बीच नेपाल ने एक बार फिर बड़ा कदम उठाया है। नेपाल के केन्द्रीय बैंक ‘नेपाल राष्ट्र बैंक’ ने 100 रुपये के नए नोट छापने का ठेका एक चीनी कंपनी को दिया है। हैरानी की बात ये है कि इसमें नेपाल ने संशोधित राजनीतिक मानचित्र का इस्तेमाल किया है। नोट पर बने नक्शे में 3 भारतीय इलाकों को नेपाल अपना क्षेत्र बताया है।

इन नोटों पर बने नक्शे में भारत के लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी इलाके को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया है। नए राजनीतिक मानचित्र को 18 जून, 2020 को नेपाली संविधान में संशोधन कर मंजूरी दी गई थी जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को देश के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है।

भारत ने पहले ही नेपाल द्वारा किए गए क्षेत्रीय दावे को कृत्रिम विस्तार करार दिया और अस्थिर करने वाला बताया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि पश्चिमी नेपाल की सीमा पर स्थित लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसका हिस्सा है।

रिपोर्ट के मुताबिक चीन के ‘बैंक नोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन’ कंपनी को नोट छापने का ठेका मिला है। चीन की कंपनी नेपाली नोट की नोट की 30 करोड़ प्रतियां छापेगी। इस पर करीब 75 करोड़ भारतीय रुपए का खर्च आएगा। यानी 100 रुपए के 1 नेपाली नोट छापने की कीमत करीब 2.50 भारतीय रुपए होगी।