Corona Vaccine: रूस ने बना ली पहली कोरोना वैक्सीन

Vladmir Putin: राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन की बेटी का टीकाकरण किया गया, जल्द ही बड़े स्तर पर होगा वैक्सीन का उत्पादन

Updated: Aug 12, 2020, 03:57 AM IST

Pic: Swaraj Express
Pic: Swaraj Express

नई दिल्ली। रूस कोरोना वायरस वैक्सीन को ह्यूमैन ट्रायल के दो महीने के भीतर नियामक सहमित देने वाला पहला देश बन गया है। राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन ने बताया कि उनकी बेटी को यह टीका लगा दिया गया है। पुतिन इस उपलब्धि को रूस की वैज्ञानिक प्रगति और राष्ट्रीय गर्व के रूप में प्रचारित कर रहे हैं। हालांकि, इस वैक्सीन का अभी अंतिम चरण का ट्रायल बाकी है। बताया जा रहा है कि अगले महीने से रूस के लोगों का इस वैक्सीन का टीकाकरण किया जाएगा। उधर विशेषज्ञों का कहना है कि बिना सभी चरण पूरे किए टीकाकरण करना खतरनाक साबित हो सकता है।

रूसी अधिकारियों के मुताबिक Gam Covid Vac Lyo नाम की इस वैक्सीन को तय योजना के मुताबिक रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय और रेग्युलेटरी बॉडी का अप्रूवल मिल गया है। पुतिन ने कहा, “मॉस्को के गामलेया इंस्टीट्यूट की तरफ से विकसित की गई यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और उनकी एक बेटी का भी टीकाकरण किया गया है। मैं जानता हूं कि यह प्रभावी तरीके से काम करती है और मजबूत प्रतिरक्षा पैदा करती है। मैं फिर से दोहराता हूं कि वैक्सीन ने सभी जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा किया है।”

पुतिन ने यह भी कहा कि जल्द ही वैक्सीन का बड़े स्तर पर उत्पादन होगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि अमूनन नई वैक्सीन विकसित करने में आठ से दस साल का समय लगता है। लेकिन कोरोना वायरस की गंभीरता को समझते हुए वैज्ञानिक जल्द से जल्द इस वैक्सीन को विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन फिर भी इसमें कम से कम 18 महीने तो लगेंगे ही।

एक नई वैक्सीन को बनाने में तीन चरणों को ट्रायल किया जाता है। पहले चरण में यह देखा जाता है कि क्या वैक्सीन लोगों में प्रतिरक्षा उत्पन्न कर रही है। इसमें आम तौर पर कम वॉलंटियर्स पर ट्रायल किया जाता है। दूसरे चरण में वॉलंटियर्स की संख्या बढ़ा दी जाती है। तीसरा चरण यह देखता है कि क्या वैक्सीन सुरक्षित है और इसमें हजारों वॉलंटियर्स को शामिल किया जाता है। यह चरण काफी महत्वपूर्ण होता है।

इस वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल बाकी है और इसके तहत रूस के स्वास्थ्यकर्मियों और शिक्षकों का टीकाकरण किया जाएगा।