पूर्वोत्तर में बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी तबाही, अब तक 40 लोगों की मौत, असम में पांच लाख लोग प्रभावित
असम में 22 जिलों के पांच लाख से ज्यादा लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं मणिपुर में 19,811 लोग बाढ़ की चपेट में हैं।

गुवाहाटी। पूर्वोत्तर भारत में भीषण बाढ़ और भूस्खलन ने तबाही मचा रखी है। बीते 29 मई से अब तक 6 राज्यों में बाढ़ और लैंडस्लाइड की चपेट में आकर कम से कम 40 लोगों की मौत हो चुकी है। लाखों लोग अभी भी बाढ़ के पानी से जूझ रहे हैं। सबसे ज्यादा असर असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में देखा जा रहा है।
असम में 22 जिलों के 1254 गांवों के 5.35 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य में बाढ़-लैंडस्लाइड में अब तक 11 लोगों की मौत हुई है। यहां सभी 15 नदियां उफान पर हैं। सड़क, रेल और बोट सेवाएं प्रभावित है। राज्य में कुल 165 राहत शिविरों में 31 हजार 212 लोग ठहराए गए हैं।
वहीं, मणिपुर में बाढ़ से 19 हजार 811 लोग प्रभावित हैं। राज्य में 3,365 घरों को नुकसान पहुंचा है। बीते 4 दिनों में राज्य में लैंडस्लाइड की 47 घटनाएं हुईं। भारतीय सेना ने मणिपुर में एक हजार से अधिक लोगों को बचाया है। राज्य में 31 राहत शिविर खोले गए हैं, अधिकतर पूर्वी हिस्से में हैं।
सिक्किम में भी हालात गंभीर बने हुए हैं जहां भूस्खलन में 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि 6 सुरक्षा कर्मी लापता हैं। यहां राहत-बचाव कार्य जारी है। हालांकि त्रिपुरा में स्थिति थोड़ी बेहतर हुई है लेकिन अभी भी 10,000 लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।
उत्तरी सिक्किम के लाचेंग-चुंगथांग कस्बों में लैंडस्लाइड के कारण फंसे 1678 टूरिस्ट्स रेस्क्यू किए गए। 100 से ज्यादा अभी भी यहां फंसे हैं। मंगन जिले में बाढ़ को आपदा घोषित किया गया है। 31 मई की शाम जिले के छातेन में मिलिट्री कैंप पर लैंडस्लाइड में 3 जवानों की मौत हुई थी। लापता 6 जवानों की तलाश जारी है।