सुप्रीम कोर्ट में पहली बार खुली EVM, री-काउंटिंग में हारा हुआ प्रत्याशी जीता, निशाने पर आई BJP

सुप्रीम कोर्ट में पंचायत चुनाव विवाद में ईवीएम खोली गई, इसमें हारे हुए प्रत्याशी को जीत मिली है। इसके बाद कई नेताओं ने बीजेपी पर निशाना साधा है।

Updated: Aug 14, 2025, 05:36 PM IST

नई दिल्ली। देश के इतिहास में ये पहली बार हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम मंगवाई। इसके बाद फिर से गणना करवाई गई और हरियाणा में सरपंच के चुनाव परिणाम बदल गए। सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम की दोबारा गिनती के बाद हारा हुआ प्रत्याशी 51 वोटों से विजयी घोषित किया गया। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने दोबारा गिनती कराने से इनकार कर दिया था, जिसके खिलाफ याची सुप्रीम कोर्ट गया।

हरियाणा के पानीपत के बुआना लाखु गांव में सरपंच पद विवाद में सुप्रीम ने फैसला सुनाते हुई मोहित मलिक को 51 मतों से विजयी घोषित कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि वे 2 दिनों के भीतर मोहित के सरपंच बनने की आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी करते हुए शपथ दिलाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद प्रशासन ने अपनी ओर से सभी कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है।

सर्वोच्च न्यायालय ने दो महीने में ही अपनी निगरानी में ईवीएम खुलवाई और आदेश भी सुना दिया। यह अपने तरह का देश का पहला मामला बताया जा रहा है। बता दें कि 2 नवंबर 2022 को हुए ग्राम पंचायत चुनाव में एक अधिकारी की गलती से कुछ घंटे के लिए बुआना लाखू के दो सरपंच बन गए थे। पहले कुलदीप को सरपंच बनने का प्रमाणपत्र दिया गया था, लेकिन दोबारा मतगणना में मोहित को सरपंच घोषित कर दिया गया था।

निर्वाचन अधिकारी से बूथ नंबर 69 पर गलती से परिणाम बदल गया। यहां मोहित को मिले वोट कुलदीप के खाते में जुड़ गए और कुलदीप के वोट मोहित के खाते में जुड़ गए। इसके बाद सभी बूथों के योग के आधार पर कुलदीप को विजयी घोषित कर दिया गया। जांच में सामने आया कि एक बूथ के पीठासीन अधिकारी की गलती से दोनों प्रत्याशियों के परिणाम के आंकड़ों में अदला-बदली हो गई थी।

31 जुलाई को यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया, तो पीठ ने ईवीएम और अन्य रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया। साथ ही, अदालत ने केवल एक बूथ के बजाय सभी बूथों के मतों की पुनर्गणना का भी आदेश दिया।मामला सामने आने पर राजद नेता तेजस्वी यादव, भूपेश बघेल समेत कई राजनीतिक दलों इसको लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। 

तेजस्वी यादव ने एक न्यूज पेपर की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 'हरियाणा के एक पंचायत चुनाव में EVM काउंटिंग में एक बूथ में उम्मीदवार को जबरन हरा दिया। हारा हुआ प्रत्याशी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट में वीडियोग्राफी के साथ सभी बूथों की EVM की गिनती हुई। हारा हुआ प्रत्याशी जीत गया लेकिन उसके कार्यकाल के तीन साल EVM की कृपा से कोई और फर्जी सरपंच रहा। एक बूथ की ईवीएम का यह हाल है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कैसे धांधली करके बीजेपी ने बीजेपी को जिताया जिसे बाद में कोर्ट ने खारिज किया। उसके बाद बीजेपी सरकार ने वीडियो रिकॉर्डिंग रखने के नियम बदल दिए। अब 45 दिन के बाद चुनाव आयोग आपको गिनती का वीडियो नहीं देगा। जब बीजेपी चुनाव आयोग के साथ मिलकर साक्ष्य को खत्म कर देगी तो आप कोर्ट में सबूत क्या रखेंगे?'

कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'पानीपत जिले के बुआना लाखू ग्राम पंचायत के सरपंच चुनाव का नतीजा पलटा। EVM से डाले गए थे वोट, लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट में दुबारा वोटिंग हुई तब चुनाव का नतीजा पलट गया, 2022 में चुनावी नतीजों को चुनौती देने वाले मोहित कुमार निर्वाचित घोषित हुए, गजब धांधली है।' वहीं, पवन खेड़ा ने लिखा कि पानीपत तो पहली झांकी है, बनारस की सीट बाकी है।