SCO Summit: पीएम मोदी ने धार्मिक कट्टरता को बताया बड़ी मुसीबत, अफगानिस्तान का दिया उदाहरण
पीएम नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, उन्होंने अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों को लेकर जताई चिंता, बोले- धार्मिक कट्टरता बड़ी मुसीबत बन गयी है

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ताजिकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे में हो रही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने वर्चुअल संबोधन में बढ़ते कट्टरपंथ को लेकर चिंता जताई। पीएम मोदी ने अफगानिस्तान को कट्टरपंथ का उदाहरण बताया। खास बात यह है कि मोदी के संबोधन के दौरान पाकिस्तानी पीएम इमरान खान और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद थे।
समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और भरोसे से संबंधित हैं। इनका मूल कारण है बढ़ता हुआ कट्टरपंथ। अफगानिस्तान में हाल की दिनों जो स्थिति हुई उसने इस चुनौती को और स्पष्ट कर दिया है।'
Addressing the SCO Summit. https://t.co/FU9WtFBWeF
— Narendra Modi (@narendramodi) September 17, 2021
पीएम ने कहा, 'यदि हम इतिहास पर नज़र डालें, तो पाएंगे कि मध्य एशिया का क्षेत्र मॉडरेट, प्रगतिशील संस्कृति और मूल्यों का गढ़ रहा है। सूफ़ीवाद जैसी परम्पराएँ यहाँ सदियों से पनपी और पूरे क्षेत्र और विश्व में फैलीं। इनकी छवि हम आज भी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत में देख सकते हैं। भारत central एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि land locked central एशियाई देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़ कर अपार लाभ हो सकता है।'
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी के जन्मदिन पर ट्विटर पर ट्रेंड हुआ राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस, लोग बोले- नौकरी कहां है
उन्होंने आगे कहा कि, 'कनेक्टिविटी की कोई भी पहल वन-वे स्ट्रीट नहीं हो सकती। आपसी विश्वास सुनिश्चित करने के लिए कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स को consultative, पारदर्शी और participatory होना चाहिए। इनमें सभी देशों की टेरीटोरियल इंटीग्रिटी का सम्मान निहित होना चाहिए।'
कनेक्टिविटी की कोई भी पहल one-way street नहीं हो सकती।
— PMO India (@PMOIndia) September 17, 2021
आपसी trust सुनिश्चित करने के लिए connectivity projects को consultative, पारदर्शी और participatory होना चाहिए।
इनमें सभी देशों की टेरीटोरियल इंटीग्रिटी का सम्मान निहित होना चाहिए: PM @narendramodi
बता दें कि SCO की बैठक में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही दुशांबे पहुंच चुके थे। SCO के सदस्य देशों की ये 21वीं बैठक है जिसकी अध्यक्षता ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान कर रहे हैं। 15 जून 2001 को इस संगठन की स्थापना हुई थी और 2017 में भारत इसका पूर्णकालिक सदस्य बना था।