गुजरात से पकड़ा गया एक और पाकिस्तानी जासूस, ISI को भेजता था अहम इनपुट

पुलिस फिलहाल गिरफ्तार जासूस से पूछताछ कर रही है। पुलिस को शक है कि ऑपरेशन सिंदूर के समय भी इस जासूस ने कई अहम जानकारियां पाकिस्तान को दी थी।

Updated: May 24, 2025, 06:30 PM IST

अहमदाबाद। गुजरात ATS ने बॉर्डर इलाके से एक जासूस को गिरफ्तार किया गया है। गुजरात पुलिस के अनुसार गिरफ्तार जासूस पर पाकिस्तान को कई अहम जानकारियां उपलब्ध कराने का आरोप है। पुलिस ने फिलहाल जासूस को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ शुरू कर दी है।

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला है आरोपी ने ISI के हेंडलर से लगातार संपर्क में रहा था।।गुजरात ATS ने गिरफ्तार आरोपी की पहचान सिद्देवसिंह गोहिल के रूप में की है। अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपी मातानामढ़ में मल्टी पर्पज़ हेल्थ वर्कर के तौर पर कॉन्ट्रैक्ट पर काम करता था।

पुलिस फिलहाल आरोपी से पूछताछ कर उससे जुड़े कुछ और लोगों की पहचान करने में भी लगी है। पुलिस को शक है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इस जासूस ने गुजरात बॉर्डर से लगने वाले इलाकों में सेना की तैनाती को लेकर भी कई सूचनाएं पाकिस्तान से साझा की होंगी। हालांकि, अभी तक इसे लेकर जांच जारी है।

जांच पूरी होने के बाद ही ये साफ तौर पर पता चल पाएगा कि इस जासूस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से किस तरह की सूचनाएं साझा की थीं। गुजरात ATS के PSI श्री आर.आर. गरचर को 29 अप्रैल 2025 को एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि आरोपी सिद्देवसिंह गोहिल भारतीय सुरक्षा एजेंसियों जैसे कि BSF और नौसेना की संवेदनशील जानकारियां व्हाट्सऐप के माध्यम से पाकिस्तान के एक महिला एजेंट को भेज रहा है।

सूचना को गंभीरता से लेते हुए ATS के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा केंद्रीय एजेंसियों से पुष्टि करवाई गई। पुष्टि होने के बाद ATS की टीम ने आरोपी को 1 मई 2025 को पूछताछ के लिए अहमदाबाद लाया। पूछताछ में सामने आया कि सिद्देवसिंह गोहिल साल 2023 के जून-जुलाई महीने से "अहदती भारद्वाज" नाम की एक पाकिस्तानी महिला एजेंट के संपर्क में था। यह महिला आरोपी से BSF और भारतीय नौसेना से संबंधित क्षेत्रों में बने नए निर्माण कार्यों, अधिकारियों की तस्वीरें और वीडियो मंगवाती थी। आरोपी ने यह संवेदनशील सामग्री उसे भेजी थी।

जनवरी 2025 में आरोपी ने अपने आधार कार्ड के जरिए नया सिम कार्ड लिया और फरवरी 2025 में वह सिम महिला एजेंट को व्हाट्सऐप OTP देकर सक्रिय भी कर दिया। इसके बाद उस व्हाट्सऐप नंबर से भी सुरक्षा एजेंसियों से संबंधित संवेदनशील जानकारियां साझा की गईं। आरोपी के मोबाइल को फॉरेंसिक जांच के लिए FSL भेजा गया, जहाँ से डेटा प्राप्त कर टेक्निकल एनालिसिस किया गया। जांच में व्हाट्सऐप चैट, कॉल रिकॉर्डिंग और गोपनीय फोटोज तथा वीडियो जैसी सामग्री के पक्के सबूत मिले हैं।