CBSE Board Exams : 10वीं की परीक्षा रद्द, 12वीं स्वैच्छिक

1-15 जुलाई तक होनेवाली परीक्षाएं रद्द, बारहवीं के छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प खुला

Publish: Jun 26, 2020, 03:09 AM IST

1 जुलाई से शुरू होने वाली सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है। अब परीक्षाओं के परिणाम आंतरिक मूल्यांकन व व्यवहारिक परीक्षाओं में प्राप्त अंक के आधार पर घोषित किए जाएंगे। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को आज सुनवाई के दौरान बताया कि बोर्ड ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में दसवीं की स्थगित परीक्षाओं को पूर्णतः रद्द करने का फैसला लिया है। वहीं बारहवीं के छात्रों को परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा। अगर छात्र चाहें तो परिस्थितियां अनुकूल होने पर परीक्षाएं दे सकते हैं। 

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की बची हुई परीक्षाएं होंगी या नहीं इस पर आज बोर्ड को अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। शीर्ष अदालत ने बोर्ड से स्थगित परीक्षाओं के बनिस्बत छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन और व्यावहारिक परीक्षाओं के आधार पर परिणाम जारी करने वाली स्थिति पर अपना पक्ष रखने के लिए पहले 23 जून तक का समय दिया था। लेकिन 23 जून को कोर्ट में सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने इस सुझाव पर फैसला लेने के लिए एक और दिन का समय मांगा था। जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई आज तक यानी 25 june तक के लिए टाल दी थी।

कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पाई थी। तो वहीं उत्तर - पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई हिंसा की वजह से दसवीं की परीक्षाओं का आयोजन नहीं हो पाया था। ऐसे में सीबीएसई के उत्तर पूर्वी दिल्ली में दसवीं और देशभर में बारहवीं की परीक्षाएं नहीं हो पाई। सीबीएसई ने हाल ही में परीक्षाओं के आयोजन और तमाम दिशा-निर्देशों को जारी करते हुए स्थगित परीक्षाओं के तारीखों की घोषणा की थी। स्थगित परीक्षाओं का आयोजन 1 जुलाई से 15 जुलाई तक होना था। ऐसे में अभिभावकों के एक समूह ने कोरोना के ख़तरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में परीक्षाओं का आयोजन न होने को लेकर याचिका दायर कर दी। शीर्ष अदालत ने पहले सीबीएसई को अपना पक्ष रखने के लिए 23 जून तक का समय दिया था, लेकिन बोर्ड द्वारा कोर्ट से एक और दिन का समय मांगने की वजह से परीक्षाओं का लेकर शीर्ष अदालत ने दसवीं और बारहवीं की बची हुई परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला सुनाया है।