यूक्रेन जीवित है और लड़ रहा है, अमेरिका में बोले राष्ट्रपति जेलेंस्की, पैट्रियाट सिस्टम के लिए बाइडन का किया शुक्रिया

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की अमेरिकी कांग्रेस में शपथ ली कि उनका देश कभी भी रूस के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा।

Updated: Dec 22, 2022, 04:58 AM IST

वाशिंगटन। रूसी आक्रमण के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा में अमेरिका पहुंचे यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की को एक नई मिसाइल रक्षा प्रणाली सहित अमेरिका का मजबूत समर्थन मिला है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ज़ेलेंस्की से वादा किया कि आप कभी अकेले नहीं रहेंगे। रूसी हमले के तीन सौ दिनों के बाद वाशिंगटन मे जेलेंस्क को नायक की तरह स्वागत किया गया।

बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए ज़ेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने न्यायसंगत शांति का समर्थन किया और वह रूस के साथ कोई क्षेत्रीय समझौता नहीं करेंगे। ज़ेलेंस्की ने कहा, 'एक राष्ट्रपति के रूप में मेरे लिए शांति, मेरे देश की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता है। यूक्रेन जीवित है और लड़ रहा है।' ज़ेलेंस्की ने इस दौरान शपथ ली कि उनका देश कभी भी रूस के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेगा।

व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ज़ेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखे दिखे। बाइडेन ने यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में ज़ेलेंस्की से कहा, 'आप कभी अकेले नहीं खड़े होंगे। अमेरिकी लोग हर कदम पर आपके साथ हैं और हम आपके साथ रहेंगे। जब तक यह चलेगा। हम समझते हैं कि यूक्रेन की लड़ाई एक बड़ी लड़ाई का हिस्सा है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि हम स्वतंत्रता की लौ को उज्ज्वल बनाए रखेंगे। प्रकाश बना रहेगा और अंधेरे पर विजय प्राप्त करेगा।' 

इस दौरान बाइडेन ने यूक्रेन के लिए पहले से बजटीय निधि से 1.85 बिलियन डॉलर आर्थिक मदद देने की घोषणा की। इसमें पहली बार उन्नत पैट्रियाट डिफेंस सिस्टम भी शामिल है, जो क्रूज मिसाइलों और कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। ज़ेलेंस्की ने पैट्रियाट सिस्टम देने के लिए अमेरिका का शुक्रिया अदा किया।

जेलेंस्की के अमरीकी दौरे को लेकर रूस ने कहा कि नए हथियारों की डिलीवरी से संघर्ष बढ़ेगा जो यूक्रेन के लिए शुभ संकेत नहीं होगा। टेलीविज़न पर एक संबोधन के दौरान वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बोलते हुए, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तर्क दिया कि आक्रमण के लिए मास्को को दोषी नहीं ठहराया जा सकता और वह इस आकलन से सहमत थे कि रूस को एक बड़ी सेना की आवश्यकता है।पुतिन ने कहा, 'हमारे सशस्त्र बलों की क्षमता लगातार बढ़ रही है। लेकिन जो कुछ हो रहा है, वह निश्चित रूप से एक त्रासदी है- हमारी साझा त्रासदी है, लेकिन यह हमारे कारण नहीं, तीसरे देशों की नीति का परिणाम है।'