बंद नहीं होने चाहिए जिंदा पशुओं के बाजार

इन बाजारों से करोड़ों लोगों को भोजन और अजीविका मिलती है.

Publish: May 10, 2020, 12:41 AM IST

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आठ मई को कहा कि चाहे चीन के वुहान शहर में जिंदा पशुओं के बाजार की नोवेल कोरोना वायरस के पैदा होने में बड़ी भूमिका रही हो, फिर भी वह दुनियाभर में ऐसे बाजारों को बंद करने की सिफारिश नहीं करता है.

एक प्रेस ब्रीफिंग में डब्ल्यूएचओ के खाद्य सुरक्षा और पशु रोग विशेषज्ञ पीटर बेन एम्बारेक ने कहा कि ऐसे बाजार से दुनियाभर के करोड़ों लोगों को भोजन और आजीविका मिलती है और अधिकारियों को उन्हें बंद करने के बजाय उनमें सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, भले ही कई बार उनसे इंसानों में महामारियां फैलने का डर रहता है.

बेन एम्बारेक ने कहा, ‘‘इस माहौल में खाद्य सुरक्षा कठिन है और इसलिए कई बार बाजारों में ये चीजें हमें देखने को मिलती हैं.’’

उन्होंने कहा कि अक्सर भीड़भाड़ वाले इन बाजारों में पशुओं से मनुष्यों तक बीमारी को फैलने के खतरे को कई तरीकों से कम किया जा सकता है. जिनमें साफ-सफाई और खाद्य सुरक्षा के मानकों में सुधार करना और जिंदा पशुओं को इंसानों से अलग करना शामिल है.

Click: लैब में नहीं बनाया गया कोरोना वायरस

उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वुहान के बाजार से चीन में कोरोना वायरस के शुरुआती कई मामले सामने आए और क्या वह उसका असल स्रोत है या उसने महज इस बीमारी को और फैलाने में भूमिका निभाई.

बेन एम्बारेक ने कहा कि चीन में उस पशु के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच चल रही है जिससे कोविड-19 मनुष्यों में फैला.