MP के इंजीनियरिंग कॉलेजों से स्टूडेंट्स का मोहभंग, इस वर्ष खाली रह गईं 40 हजार सीटें
मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों की 73,412 सीटों में से महज 33,046 सीटें ही भर सकी है। अधिकांश कैंपस सुनसान पड़े हुए हैं।

भोपाल। मध्य प्रदेश प्रदेश के 124 इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश देने के लिए कराई जा रही काउंसलिंग खत्म हो चुकी है। लेकिन इस बार राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रति छात्रों की उदासीनता स्पष्ट देखने को मिली। कुछ साल पहले तक जहां कभी पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी वे केंपस अब सुनसान पड़े हैं।
मध्य प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों की 73,412 सीटों में से महज 33,046 सीटें ही भर सकी है।जबकि करीब 40 हजार 516 सीटें खाली रह गई हैं। अब कॉलेजों को सीएलसी राउंड में एडमिशन बढ़ने की उम्मीद है। पर्याप्त स्टूडेंट के अभाव में राज्य के कई इंजीनियरिंग कॉलेजों का संचालन भी मुश्किल हो रहा है।
दरअसल, राज्य में कुल 124 इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए दो चरणों की काउंसलिंग हो चुकी है। इनमें प्रवेश के लिए अब तीसरे चरण की काउंसलिंग शुरु की गई है। कॉलेज लेवल काउंसलिंग (CLC) सीएलसी की जा रही है। पहली CLC सीएलसी के लिए रजिस्ट्रेशन के बाद 14 अगस्त तक अंतिम चरण की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
मध्य प्रदेश के इंजीनियर कॉलेजों का नजारा यह साफ बता देता है। कुछ साल पहले तक जहां कभी पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी वे कैंपस अब सुनसान पड़े हैं। कॉलेजों में एडमिशन के लिए जबर्दस्त मारामारी रहती थी, स्टूडेंट और उनके अभिभावक इसके लिए लाखों रुपए खर्च करने के लिए तैयार रहते थे।