Shivpuri Suicide Case: 17 साल की चांदनी ने की खुदकुशी, बछिया की मौत के बाद परिवार का हो रहा था सामाजिक बहिष्कार

चार माह पहले बछिया की मौत होने पर पंचायत ने परिवार पर 51 हजा़र रुपये जुर्माना लगाया था, आर्थिक तंगी के कारण परिवार नहीं दे पाया था जुर्माने की रकम, भंडारे से अपमानित कर भगाई गई थी चांदनी

Updated: Oct 30, 2020, 05:22 PM IST

Photo Courtesy: The Week
Photo Courtesy: The Week

शिवपुरी। बछिया की मौत के आरोप की वजह से समाज के ठेकेदारों ने एक परिवार को इतना प्रताड़ित और अपमानित किया कि उससे दुखी होकर एक मासूम बेटी की खुद को जिंदा जला डाला। दिल दहलाने वाली ये वारदात मध्य प्रदेश के शिवपुरी के मुहारीखुर्द गांव की है। आरोप है कि 17 साल की चांदनी को गांव के नाथूराम शास्त्री ने ही नवरात्र के समापन पर हुए भंडारे से ये कहते हुहए भगा दिया था कि तुम समाज पर कलंक हो, यहां से भाग जाओ। इस अपमान से चांदनी को इतनी ठेस लगी कि उसने घर पहुंचने के बाद खुद पर केरोसीन छिड़क कर आग लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई।

दरअसल, चांदनी के परिवार पर संकटों का पहाड़ उस वक्त टूटा जब करीब 4 महीने उसके पिता बृजेश पांडेय के खेत में बछिया घुस आई। पांडेय के भतीजे ने बछिया को बांध दिया, लेकिन गलत तरीके से बांधने की वजह से उसकी मौत हो गई। इस पर गांव वालों ने बृजेश पांडेय के परिवार पर गोहत्या का आरोप लगाते हुए उन्हें समाज से बाहर दिया। परिवार पर 51 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। लेकिन परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने की वजह से वे जुर्माने की रकम नहीं दे पाए।

इसके बाद चांदनी के परिवार के खिलाफ पंचायत ने समाज से बाहर करने का फरमान सुना दिया। हालांकि पंचायत की नाराज़गी दूर करने के लिए परिवार ने इलाहाबाद जाकर गंगास्नान और पूजा-पाठ वगैरह भी किए। गांव के लोगों के लिए भंडारा भी किया था, लेकिन आरोप है कि नाथूराम शास्त्री चांदनी के परिवार पर जुर्माने के तौर पर 51 हजार रुपये देने पर जोर डाल रहा था। आर्थिक तंगी के कारण चांदनी का परिवार यह रकम चुका नहीं पाया, जिसकी कीमत 17 साल की लड़की को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।