भावांतर योजना अडानी की तिजोरियां भरने के लिए है, MSP पर सोयाबीन खरीदे सरकार: माकपा

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि मध्य प्रदेश में अधिकांश सोयाबीन प्लांट अडानी ग्रुप के हैं। सरकार ने सिर्फ सोयाबीन के लिए ही भावांतर योजना लागू की है, क्योंकि इससे सीधा लाभ अडानी को होने वाला है।

Updated: Sep 29, 2025, 05:53 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में MSP पर सोयाबीन खरीदी की मांग तेज हो गई है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा कि राज्य सरकार कारोबारी गौतम अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए भावांतर योजना की बात कर रही है। CPIM ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा सोयाबीन खरीदी के लिए शुरू की गई भावांतर योजना किसानों की भरपाई करने के लिए नहीं है बल्कि अडानी की तिजोरियां भरने की सोची समझी साजिश का हिस्सा है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि मध्य प्रदेश में अधिकांश सोयाबीन प्लांट अडानी ग्रुप के हैं। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश में पैदा होने वाला सोयाबीन अडानी के प्लांटों के लिए खरीदा जाता है। क्योंकि पिछले साल भी सोयाबीन किसानों ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6000 रुपए प्रति क्विंटल देने की मांग को लेकर आंदोलन किया था और इस साल बारिश के कारण सोयाबीन की फसल प्रभावित होने से मंडियों में सोयाबीन के भाव और गिरा दिए गए हैं। सरकार को डर है कि कहीं किसान फिर आंदोलन पर न उतर आएं।

जसविंदर सिंह ने कहा है कि सरकार की नीयत पर संदेह इसलिए भी होता है क्योंकि अति वर्षा से कपास, बाजरा, मक्का, तिल्ली और अरहर की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। मंडियों में इन सारी फ़सलों का भाव गिरेगा, लेकिन सरकार ने सिर्फ सोयाबीन के लिए ही भावांतर योजना लागू की है, क्योंकि इससे सीधा लाभ अडानी को होने वाला है।

माकपा नेता ने कहा है कि शिवराज सिंह चौहान के समय भी भावांतर योजना का यह अनुभव रहा है कि इसकी घोषणा होते ही मंडियों में सोयाबीन के भाव और गिर जाते हैं ताकि अडानी सस्ते दामों सोयाबीन खरीद कर ज्यादा मुनाफा कमा सके। इस बार भी यही होने वाला है। यह साफ हो गया है कि भाजपा की मोहन यादव सरकार किसानों की नहीं अडानी की सरकार है। प्रदेश में 52 लाख मीट्रिक टन से अधिक सोयाबीन पैदा होने का अनुमान है। इसका अर्थ है कि यदि एक क्विंटल पर हजार रुपए भी कम होते हैं तो अडानी को 5200 करोड़ रुपए का फायदा होगा।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मांग की है कि सरकार को भावांतर की शिगूफेबाजी को छोड़कर किसानों की लूट को रोकने की पहल करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सोयाबीन सहित सारी फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर हो और जो व्यापारी इससे नीचे किसान की फसल खरीदे, उसके खिलाफ वही कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए, जिसकी घोषणा शिवराज सिंह चौहान ने की थी।