MP के सरकारी अस्पतालों में रोज दम तोड़ रहे 38 नवजात, देशभर में सर्वाधिक नवजात शिशु मृत्यु दर
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में साल 2021-22 में प्रतिदिन 38 नवजातों की मौत हुई है, जो पूरे देशभर में सर्वाधिक है
भोपाल। मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं की कलई एक बार फिर संसद में पेश की गई रिपोर्ट से खुल गई है। केंद्र सरकार ने बताया है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में साल 2021-22 में रोज 38 नवजातों की मौत हुई है। नवजात शिशुओं की मौत के मामले में मध्य प्रदेश पूरे देशभर में टॉप पर है। यह लगातार तीसरा साल है नवजातों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश शीर्ष पर रहा है।
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि साल 2021-22 में एमपी के सरकारी अस्पतालों में कुल 13 हजार 316 नवजात बच्चों की मौत हुई है। अगर बीते तीन सालों की बात की जाए तो प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कुल 41 हजार 551 नवजातों की मौत हुई है। साल 2019-20 में यह आंकड़ा 14 हजार 749 था, जबकि साल 2020-21 में 13 हजार 486 बच्चों की मौत हुई थी।
यह आंकड़ा केरल से कम्युनिस्ट पार्टी के राज्यसभा सांसद पी संतोष कुमार के एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने दिया है। देश भर के स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट (SNCU) में हुई मौतों के आधार पर यह आंकडा दिया गया है। मध्य प्रदेश के 50 जिलों में 54 एसएनसीयू हैं। भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में एक से अधिक एसएनसीयू हैं।