भोपाल गैस त्रासदी की बरसी, मतगणना की तारीख बदलने की मांग, इन उम्मीदवारों ने चुनाव आयोग से की शिकायत

भोपाल जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने वाले चार प्रत्याशियों ने गैस त्रासदी की बरसी के चलते भोपाल में होने वाली मतगणना तीन दिसंबर के बजाय चार दिसंबर को करने की मांग की है।

Updated: Nov 26, 2023, 09:58 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को जारी होंगे। हालांकि, मतगणना की तारीख का भोपाल में विरोध शुरू हो गया है। भोपाल से चुनाव लड़ रहे कई उम्मीदवारों ने मतगणना तीन के बजाए चार दिसंबर को कराने की मांग की है। इसका कारण भोपाल गैस त्रासदी की बरसी है।

भोपाल उत्तर से निर्दलीय प्रत्याशी अताउल्ला इकबाल, आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी प्रकाश नरवारे, नरेला से आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी शमा तनवीर और भोपाल मध्य से समर्थित आजाद समाज पार्टी प्रत्याशी शमसुल हसन ने तीन दिसंबर को होने वाली मतगणना स्थगित करने को कहा है। इस संबंध ने इन प्रत्याशियों ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को शिकायती ज्ञापन भी भेजा है।

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चुनाव आयोग को दिए ज्ञापन में इन नेताओं ने कहा है कि भोपाल गैस त्रासदी की बरसी 3 दिसंबर को है। इस त्रासदी में शहर के लोगों ने अपनों को खोया है। 1984 में इसी तारीख को जान गंवाने वाले हजारों लोगों की याद में भोपाल में शोक सभाएं की जाती हैं।प्रत्याशियों का कहना है कि तीन दिसंबर को मतगणना होगी और चुनाव जीतने वाले ढोल-ढमाके और गाजे-बाजे के साथ जश्न मनाएंगे, जुलूस निकालेंगे। ऐसे में इसी तारीख को जान गंवाने वाले हजारों मृतकों की आत्माओं को तकलीफ पहुंचेगी। साथ ही उन मृतकों के परिजनों को भी दुख होगा।

प्रत्याशियों ने भोपाल गैस त्रासदी की बरसी की वजह से भोपाल में होने वाली चुनाव मतगणना की तारीख एक दिन आगे बढ़ाकर चार दिसम्बर को कराने की मांग की है। इससे पहले गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले संगठनों द्वारा भी यह मांग उठाई जा चुकी है। गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाली रचना ढींगरा ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी औद्योगिक हादसे वाले दिन जब कार्बाइड की गैस ने भोपाल शहर में नरसंहार किया और लाखो लोगों को जिंदगी भर के लिए बीमार किया, उस दिन पीड़ितों के साथ हमदर्दी रखते हुए चुनाव के परिणामो की तारीख को बदली जाए। यदि मध्य प्रदेश की तारीख को आगे नहीं बढ़ा सकते तो भोपाल की मतगणना की तारीख को आगे बढ़ाएं। 

बता दें कि 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड के कारखाने से लगभग 40 टन 'मेथायिल अयिसोसायिनेट' गैस का रिसाव हुआ था। इस हादसे में यूनियन कार्बाइड के कारखाने के आस पास के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुई थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस हादसे में मरने वालों की संख्या 5 हजार 295 के करीब थी। हालांकि, लोगों का कहना है कि मृतकों की संख्या इससे तीन गुना अधिक थी। गैस हादसे के 39 साल बाद विश्व की सबसे बड़े औद्योगिक हादसे के लिए जिम्मेदार एक भी विदेशी अभियुक्त और विदेशी कंपनी को आज तक सजा नहीं हुई है।