भोपाल गैस त्रासदी मामले की सुनवाई, कंपनी के वकील ने कहा- यह भोपाल कोर्ट के न्यायक्षेत्र से बाहर का मामला

Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी पूरी दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक त्रासदी मानी जाती है, इसके बावजूद 39 साल बाद भी मुआवजे के लिए पीड़ितों के संघर्ष करना पड़ रहा है।

Updated: Nov 25, 2023, 04:30 PM IST

भोपाल। भोपाल गैस त्रासदी मामले में मुआवजे को लेकर शनिवार को भोपाल जिला न्यायालय में सुनवाई हुई। विधान महेश्वरी की कोर्ट में यूनियन कार्बाइड के मालिकाना हक वाली कंपनी डाउ केमिकल के वकीलों ने अपना पक्ष रखा। कंपनी के वकीलों ने कोर्ट में तर्क दिया कि यह भोपाल कोर्ट के न्यायक्षेत्र से बाहर का मामला है।

कोर्ट में सीबीआई और भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन व गैस पीड़ित संगठनों की ओर से आवेदन दिया गया था। कहा गया कि यूनियन कार्बाइड यूएस को द डाउ केमिकल कंपनी ने खरीद लिया है। अब उसका नया नाम द डाउ केमिकल कंपनी हो गया है, इसीलिए केस में उसे आरोपी बनाया जाए।

कंपनी के वकील की ओर से उपस्थिति पत्रक व आपत्ति आवेदन प्रस्तुत किया गया। तर्क दिया था कि द डाउ केमिकल कंपनी अमेरिका की कंपनी है, इसलिए भोपाल न्यायालय को कार्रवाई करने का क्षेत्राधिकार नहीं है। इस दलील पर भोपाल ग्रुप फाॅर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन के अधिवक्ता एवे सिंह द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पक्ष रखा और कहा कि उक्त कंपनी की जिम्मेदारी बनती है।

कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वकील रविंद्र श्रीवास्तव सहित 15 वकीलों की टीम ने कंपनी का पक्ष रखा। भोपाल गैस त्रासदी मामले में कंपनी डाउ केमिकल्स के खिलाफ अगली सुनवाई अब 6 जनवरी 2024 को होगी। भोपाल जिला कोर्ट में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश विधान माहेश्वरी ने यह तारीख मुकर्रर की।

बता दें कि 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को यूनियन कार्बाइड के कारखाने से लगभग 40 टन 'मेथायिल अयिसोसायिनेट' गैस का रिसाव हुआ था। इस हादसे में यूनियन कार्बाइड के कारखाने के आस पास के इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुई थी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस हादसे में मरने वालों की संख्या 5 हजार 295 के करीब थी। हालांकि, लोगों का कहना है कि मृतकों की संख्या इससे तीन गुना अधिक थी। गैस हादसे के 39 साल बाद विश्व की सबसे बड़े औद्योगिक हादसे के लिए जिम्मेदार एक भी विदेशी अभियुक्त और विदेशी कंपनी को आज तक सजा नहीं हुई है।