संसद में झूठ बोल गए शिवराज, दिग्विजय सिंह ने बताया आदत से लाचार, कांग्रेस लाएगी विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव

जिनका ट्रैक रिकॉर्ड कभी रायसेन में किसानों की खून से होली खेलने का है तो कभी मंदसौर में किसान के खून से होली खेलने का है, दुर्भाग्य है की देश के कृषि मंत्री बन गए हैं: शिवराज पर बरसे सुरजेवाला

Updated: Aug 05, 2024, 05:38 PM IST

नई दिल्ली। सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधन के दौरान हंगामे की स्थिति उत्पन्न हो गई। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने शिवराज पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए वॉकआउट किया। वहीं, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, रणदीप सिंह सुरजेवाला और AAP के संजय सिंह ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों को सही डाटा दिया।

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दिग्विजय सिंह ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, 'कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को मैं कई वर्षों से जानता हूं। वह एक आदत से लाचार हैं... झूठ बोलने के आदि हैं। कमलनाथ के नेतृत्व में मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने लगभग 37 लाख किसानों का कर्ज माफ किया था। जिसमें शिवराज के गांव जैत, जिला सीहोर के रिश्तेदारों का कर्ज भी माफ हुआ। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कृषि मंत्री का बयान भी आया था कि कांग्रेस के समय किसानों का कर्ज माफ हुआ है। लेकिन संसद में कृषि मंत्री कहते हैं कि कांग्रेस को जो मौका मिला, उसमें किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया। ये बिल्कुल झूठ है। इसका प्रमाण हमारे पास है, जो कल तक आप सभी को मिल जाएगा।'

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा, 'मुझपर लांछन लगाया की दिग्विजय सिंह ने जब 2003 में सीएम पद छोड़ा तो केवल साढ़े सात लाख एकड़ में सिंचाई होती थी और उन्होंने 47 लाख हेक्टेयर में सिंचाई कर दी। मेरे पास उन्हीं के सरकार का डाटा है की 1997 में यानी मेरे कार्यकाल में 33 लाख हेक्टेयर में सिंचाई उपलब्ध थी। इसके कई प्रमाण हैं। इस तरह हर बिंदु को उन्हें बढ़ा चढ़ाकर बताने की आदत है।'

इस दौरान रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'मोदी सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र किसान विरोधी है। ये बात किसान कल्याण विभाग पर चर्चा में साबित हुई और झूठ की ढोल की पोल पूरी तरह खुल गई।शिवराज सिंह चौहान जिनका ट्रैक रिकॉर्ड कभी रायसेन में किसानों की खून से होली खेलने का है तो कभी मंदसौर में किसानों के खून से होली खेलने का है, दुर्भागय है की देश के कृषि मंत्री बन गए हैं। उन्होंने सदन को बरगलाया, देश को बरगलाया और किसानों को बरगलाने की नाकाम कोशिश की।'

सुरजेवाला ने आगे कहा, 'मोदी सरकार ने सदन में कहा कि लागत पर हम किसानों को 50 फीसदी मुनाफा देंगे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट को शपथपत्र देकर कहा कि हिंदुस्तान में किसानों को लागत पर 50 फीसदी मुनाफा नहीं दिया जा सकता। किसानों से इससे घोर अन्याय क्या हो सकता है। किसानों से कहा कि स्वामीनाथन आयोग जिसका गठन UPA सरकार ने किया था उसकी रिपोर्ट कूड़ेदान में डाल दिया। लेकिन मोदी सरकार ने कोर्ट बताया कि आयोग की 175 सिफारिशें कांग्रेस ने लागू कर दी थी। सरकार या तो कोर्ट में झूठ बोलती है या सदन को गुमराह करती है।'

सुरजेवाला ने कहा कि इस सरकार का चाल, चेहरा और चरित्र खलनायक का है लेकिन मुखौटा नायक का पहनते हैं। हमने सरकार से MSP को लेकर पूछा तो कहते हैं कि की उन्हें आवश्यकता नहीं है। देश में एमएसपी की मांग को लेकर लाखों किसान आंदोलन क्यों रहे हैं? मोदी सरकार ने MSP पर 23 में से 21 फसलों को लेकर बताया कि इनमें 5 फीसदी से ज्यादा एमएसपी पर नहीं खरीदी। ये रहस्य उद्घाटन के बाद सरकार कहती है कि किसानों को MSP की जरूरत नहीं। इनके मुताबिक एमएसपी से ज्यादा उन्हें ऐसे ही मिलती है। यदि ऐसा होता तो किसान आंदोलन क्यों करते?

वहीं AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि हमेशा से सदन में परंपरा रही है कि यदि कोई मंत्री किसी सदस्य का नाम लेता है तो उसे बोलने का मौका दिया जाता है। मंत्री जिससे सवाल पूछते हैं दोषारोपण करते हैं तो उन्हें बोलने का अधिकार होता हैं। कृषि मंत्री ने दिग्विजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला और मेरा नाम लिया। बावजूद हमें बोलने के अधिकार से वंचित किया गया। मैंने मंत्रीजी से पूछा कि खाद की बोरी में आपने पांच किलो वजन कम कर दी तो क्या दाम भी कम कर दिया?

संजय सिंह के मुताबिक मंत्री चौहान ने कहा कि पांच नहीं दस किलो कम की और दाम भी कम कर दिया। सिंह ने कहा, 'ये पूरी तरह से गलत है। यूरिया की 50 किलो वाली बोरी में महज दस किलो कम किया। 268 रुपए 50 किलो का दाम था जो अब 266 रुपए 40 किलो का है। दो रुपए कम किया। इतना तो पैकेजिंग में कम हो जाता है। सिर्फ बोरी का दाम कम किया खाद का नहीं। ऊपर से दस किलो खाद चुरा ली। विपक्ष इस मामले में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करेगी।