स्कूली बच्चों को छात्रवृति देने की घोषणा को BJP ने बताया आचार संहिता का उल्लंघन, प्रियंका गांधी के खिलाफ की शिकायत

प्रियंका गांधी ने ऐलान किया था कि MP में कांग्रेस सरकार आने पर कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को प्रतिमाह 500 रुपए, नौंवी और दसवीं के बच्चों को 1000 जबकि 11वीं और 12वीं कक्षा में हर स्टूडेंट को 1500 रुपए दिए जाएंगे।

Updated: Oct 13, 2023, 08:07 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने स्कूली शिक्षा संवारने की दिशा ऐतिहासिक ऐलान किया है। प्रियंका गांधी ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में कांग्रेस सरकार आने पर पढ़ो-पढ़ाओ योजना के तहत कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को 500-1500 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। कांग्रेस के इस ऐलान के बाद भाजपा खेमे में हड़कंप मच गई है। आलम ये है कि भाजपा ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन करार देते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की है।

इंदौर में बीजेपी विधि प्रकोष्ठ के पूर्व नगर संयोजक एडवोकेट पंकज वाधवानी ने शुक्रवार को चुनाव आयोग में प्रियंका गांधी के विरुद्ध शिकायत की है। इसमें वाधवानी ने कहा है कि 12 अक्टूबर को मंडला के रामनगर की सभा में प्रियंका ने कक्षा 1 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को 500 से 1500 रुपए हर महीने देने की बात की है। जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत सीधे-सीधे आर्थिक लाभ वह भी रुपए देने की घोषणा करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। यह मतदाताओं को प्रभावित करने जैसा है।

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वाधवानी ने अपनी शिकायत में लिखा है कि, 'प्रियंका गांधी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर यह योजना लागू की जाएगी। यह सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए है या प्राइवेट स्कूलों के लिए भी है, स्पष्ट नहीं किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिना किसी ठोस योजना के सिर्फ मतदान को प्रभावित करने के लिए यह प्रलोभनकारी घोषणा की गई है।'

बता दें कि, प्रियंका गांधी ने गुरुवार को मंडला में कहा था कि एमपी में कांग्रेस की सरकार बनी तो बच्चों की पहली से 12वीं तक फ्री शिक्षा दी जाएगी। इसका नाम पढ़ो-पढ़ाओ योजना हाेगा। इस स्कीम के तहत कक्षा एक से 8 तक बच्चों को 500, नौवीं से दसवीं तक 1000 रुपए दिए जाएंगे। कक्षा 11वीं से 12वीं तक हर महीने 1500 रुपए मिलेंगे। कोरोना के कठिन दौर के बाद से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जहां बच्चों को यूनिफॉर्म नहीं मिला है, बच्चे फटे पुराने कपड़ों में स्कूल जाने को मजबूर हैं। ड्रॉप आउट रेट में रिकॉर्ड वृद्धि हुई थी। ऐसे में यह योजना स्वाभिमान के साथ पढ़ाई के लिए बेहद आवश्यक माना जा रहा है।