बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में फिर एक बाघ की मौत, करंट लगाकर शिकार करने का अंदेशा

मध्य प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं टाइगर्स, बांधवगढ़ रिजर्व में एक और बाघ की संदिग्ध मौत, छीन सकता है टाइगर स्टेट का दर्जा।

Updated: Feb 05, 2023, 04:47 AM IST

उमरिया। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बाघों की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। आए दिन यहां बाघों की संदिग्ध अवस्था में मौत हो रही है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में शनिवार को एक और बाघ की मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि करंट लगने से बाघ की मौत हुई है।

घटना उमरिया वन मंडल के घुनघुटी वन परिक्षेत्र के बलवाई बीट में मुड़ना नदी के किनारे की है। बाघ की मौत की जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी मौके के लिए रवाना हो गए। वन परिक्षेत्र अधिकारी अर्जुन सिंह बाजवा ने बताया कि बाघ की मौत के हालात संदेहास्पद हैं। डॉग स्क्वॉड को बुलाया गया है। मामले की बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है। 

प्रदेश में एक के बाद एक टाइगर हंटिग की सिलसिलेवार घटनाएं वन विभाग की कार्यशैली पर कई प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। मध्य प्रदेश में साढ़े पांच सौ के करीब बाघ हैं, जो देश में सबसे अधिक है। इस वजह से राज्य को टाइगर स्टेट भी कहा जाता है। हालांकि, एनटीसीए के अनुसार मध्य प्रदेश में 2022 में कर्नाटक की तुलना में दोगुने से ज्यादा बाघों की मौत हुई है। कर्नाटक में 2022 में 15 बाघों की मौत हुई, जबकि मध्य प्रदेश में 34 बाघों ने जान गंवाई। ऐसे में मध्य प्रदेश के सामने टाइगर स्टेट का तमगा बचाना एक चुनौती बन गया है।