राजधानी भोपाल में जारी है कोरोना टेस्टिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

बीच सड़क पर लोगों से उनके नाम और मोबाइल नम्बर पूछ रही है स्वास्थ्य विभाग की टीम, कोरोना जांच न होने पर भी लोगों को फोन पर भेजे जा रहे हैं कोरोना निगेटिव के मेसेज

Updated: Aug 17, 2021, 04:34 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना जांच के नाम पर एक बहुत बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा है। हिंदी के एक प्रमुख अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में यह बताया है कि राजधानी में बीच सड़क पर स्वास्थ्य विभाग की टीम  राह चलने वाले लोगों से उनका फोन नंबर और नाम पूछ रही है। जिसके बाद उनके फोन पर कोरोना निगेटिव का संदेश भेजा जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक यह सारा खेल कागज़ों पर कोरोना टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की मंशा से किया जा रहा है। 

रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है कि राजधानी के कोटरा सुल्तानाबाद में 300 से ज्यादा लोगों के नाम और मोबाइल नंबर की लिस्ट कबाड़ में मिली है। जिसने राजधानी में कोरोना जांच के नाम पर बड़े स्तर पर हो रहे फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। भोपाल के ही जेपी अस्पताल जाने वाले लोगों को अस्पताल से ठीक पहले ही रोककर उनसे जानकारियां एकत्रित की जा रही हैं। 

शनिवार को अयोध्या बायपास रोड पर एक मैजिक वाहन में बैठे स्टाफ ने वहां आने जाने वाले लोगों से उनका फोन नम्बर, नाम, पता इत्यादि पूछा और इसके बाद उन्हें जाने के लिए कह दिया। लोगों से मिली यह जानकारी कोरोना की फर्जी टेस्टिंग में काम आई। कई लोगों ने इस फर्जीवाड़े को लेकर अपनी हामी भरी है।

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बकायदा कबाड़ में मिली लिस्ट के नामों के सामने अंकित फोन नंबरों पर कॉल लगाया तब उन लोगों ने यह स्वीकार किया कि उनकी कोरोना जांच हुई ही नहीं। लेकिन इसके बावजूद उनके फोन पर कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट का मेसेज आया। सुभाष नगर में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि शनिवार को अयोध्या बायपास के पास उसे मैजिक में सवार कुछ लोगों ने रोका था और नाम, पता इत्यादि जानकारी ली थी। लेकिन कोरोना की जांच नहीं हुई थी। 

कांग्रेस पार्टी सरकार पर पहले से ही कोरोना मृतकों के आंकड़ों में फर्जीवाड़े का आरोप लगा रही है। और अब राजधानी में धड्डले से टेस्टिंग के नाम पर हो रहे फर्जीवाड़े ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कागजों पर भोपाल में प्रतिदिन 5500 से 6000 टेस्ट हो रहे हैं। लेकिन टेस्टिंग के इन आंकड़ों की तुलना में कितनी टेस्टिंग हकीकत में हो रही हैं, इस पर अब सवाल खड़ा हो गया है।