सावरकर नहीं, मनमोहन सिंह के नाम पर हो कॉलेज, DU कॉलेज का शिलान्यास से पहले नामकरण पर विवाद

दिल्ली विश्वविद्यालय का सावरकर कॉलेज रोशनपुरा, नजफगढ़ में बनेगा। NSUI ने पीएम मोदी से मांग की है कि इसका नाम पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के नाम पर किया जाए।

Updated: Jan 03, 2025, 02:32 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दिल्ली में कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करने वाले हैं। पीएम मोदी दिल्ली में वीर सावरकर के नाम पर भी एक कॉलेज की नींव रखेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय का सावरकर कॉलेज रोशनपुरा, नजफगढ़ में बनेगा। इस संस्थान को दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा 2021 में अनुमोदित किया गया था। हालांकि, कॉलेज का नामकरण सावरकर के नाम पर किए जाने को लेकर विवाद होने लगा है। 

स्टूडेंट्स ने सावरकर के नाम पर कॉलेज का विरोध किया है। कांग्रेस की छात्र शाखा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) ने कहा है कि कॉलेज का नाम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाना चाहिए ना कि वीर सावरकर के नाम पर।

NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा है कि पीएम मोदी डीयू के वीर सावरकर कॉलेज की आधारशिला रखने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन इस परिसर का नाम डॉ. मनमोहन सिंह जी के सम्मान में रखा जाना चाहिए, जिनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और भारत के लिए योगदान शानदार है। हमें वास्तविक उपलब्धियों का जश्न मनाने की जरूरत है ना कि विभाजनकारी प्रचार का।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने शिक्षा और शासन में मनमोहन सिंह के योगदान पर प्रकाश डाला और अनुरोध किया कि कॉलेज का नाम उनके नाम पर रखकर उनकी विरासत का सम्मान करे। मनमोहन सिंह का 27 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था।

इसके अलावा पत्र में डॉ सिंह की जीवन यात्रा को सिलेबस में शामिल करने की मांग की गई। NSUI की मांगों में दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत डॉ मनमोहन सिंह के नाम पर एक विश्व स्तरीय कॉलेज के अलावा उनके नाम पर एक केंद्रीय विश्वविद्यालय समर्पित करना शामिल है। साथ ही विभाजन के बाद के छात्र से लेकर वर्ल्ड आइकॉन बनने तक की उनकी जीवन यात्रा को शैक्षणिक पाठ्यक्रम और राजनीतिक क्षेत्र में शामिल करने की मांग की गई है।

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NSUI के अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि डॉ. सिंह के महत्वपूर्ण योगदानों में केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009, RTI अधिनियम 2009 शामिल हैं। जिन्होंने IITS, IIMS, AIIMS और पूरे भारत में केंद्रीय विश्वविद्यालयों का एक नेटवर्क स्थापित किया। इन पहलों ने देश की शिक्षा प्रणाली में क्रांति ला दी, जिससे लाखों लोगों को लाभ हुआ।