MP Government Failure: अस्पताल के इंतज़ाम से दुखी भांजी ने ‘मामा’ शिवराज से मांगी इच्छामृत्यु की इजाज़त
Corona Death: भोपाल की प्रियंका का आरोप, इलाज में लापरवाही से कोरोना पीड़ित मां की मौत, शव ले जाने से लेकर अंतिम संस्कार तक सब अकेले करना पड़ा

भोपाल। राजधानी के कोलार रोड की रहने वाली प्रियंका कोरोना के इलाज में लापरवाही के कारण अपनी मां को खो चुकी हैं। मां की मौत का दुख तो बड़ा है ही, लेकिन बीमारी के दौरान उनके इलाज में जिस तरह लापरवाही बरती गई उसने प्रियंका को और भी गहरी निराशा से भर दिया है। मध्य प्रदेश सरकार के इंतज़ाम से प्रियंका इतनी नाउम्मीद हो चुकी हैं कि अब वह सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इच्छामृत्यु की इजाज़त मांग रही हैं। वो भी अपने तीन छोटे भाई-बहनों के साथ।
प्रियंका ने कोरोना महामारी से निपटने की सरकारी व्यवस्था में जिस बदइंतज़ामी का सामना किया है, उसके लिए वह सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कटघरे में खड़ा कर रही हैं। 27 साल की प्रियंका ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामा-भांजी के नाम को बहुत मशहूर किया, लेकिन उनकी एक भांजी भटक रही है। प्रियंका कहती हैं मुख्यमंत्री जी आप मामा कहलाते हो, लेकिन मेरी मां की मौत की जांच तक नहीं हुई। अब हमारे पास कोई रास्ता नहीं है। मुझे अपने तीन भाई-बहनों समेत इच्छामृत्यु की इजाजत दी जाए।
कोरोना के नाम पर लूटा गया: प्रियंका
प्रियंका की इन निराशा भरी बातों के लिए मां की मौत के साथ-साथ राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था की मौजूदा हालत भी जिम्मेदार है। प्रियंका के मुताबिक उसकी मां संतोष रजक के कोरोना संक्रमित होने पर प्राइवेट अस्पतालों ने 50-50 हजार रुपये ले लिए। प्रियंका के मुताबिक भोपाल के कलेक्टर से मिलने के बाद मां को अच्छे इलाज के लिए किसी तरह जेपी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां मरीज को देखने वाला भी कोई नहीं था। अस्पताल में रात को ऑक्सीजन की सप्लाई कभी भी बंद कर दी जाती थी। ऐसे में 24 सितंबर 2020 की शाम प्रियंका की मां की मौत हो गई।
शव ले जाने और शवदाह में कोई मदद नहीं मिली: प्रियंका
प्रियंका के मुताबिक मां के मरने के बाद डेड बॉडी को अस्पताल प्रबंधन ने लावारिस की तरह छोड़ दिया। किसी ने उनकी मां के शव को छुआ तक नहीं। वह खुद ही शव को लेकर पूरे अस्पताल में भटकती रही। प्रियंका ने खुद ही अपनी मां को कपड़े पहनाए और फिर मां की बॉडी को पीपीई किट में लपेटकर वो खुद किसी तरह स्ट्रेचर पर घर ले गईं। अंतिम संस्कार भी खुद ही किया। अस्पताल प्रबंधन ने किसी तरह की मदद नहीं की।
क्या प्रियंका को मिलेगा इंसाफ
प्रियंका का कहना है कि उसके पिता 8 साल पहले ही गुज़र चुके थे। मां ही चार भाई-बहनों का सहारा थीं। ऐसे में मां के निधन के बाद तीन छोटे-भाई बहनों की जिम्मेदारी भी उसी पर आ चुकी है। प्रियंका चाहती हैं कि उसकी मां के इलाज़ के दौरान और उनके निधन के बाद जिस कदर लापरवाही बरती गई, उसके लिए अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज की जाए। पूरी जांच करके दोषियों को सजा दिलाई जाए। प्रियंका का कहना है कि अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला, तो उनके पास मौत के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। डिप्रेशन की इसी हालत में वे मुख्यमंत्री शिवराज चौहान से सभी भाई-बहनों को इच्छा मृत्यु की इजाज़त देने की मांग कर रही हैं।