महाकाल मंदिर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की साफ-सफाई, नंदी हॉल में बैठकर ध्यान भी लगाया
मैंने अपनी जनसेवा की यात्रा स्वच्छता के कार्य से ही की थी। नोटिफाइडड एरिया काउंसिल की अध्यक्ष रहने के दौरान मैं प्रति दिन एक वार्ड से दूसरे वार्ड जाती थी। सफाई कार्य का निरीक्षण करती थी: राष्ट्रपति

उज्जैन। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को उज्जैन स्थिति महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना किया। इस दौरान महामहिम झाड़ू लेकर मंदिर परिसर की साफ-सफाई करती भी नजर आईं। राष्ट्रपति ने उज्जैन में कहा कि महाकाल की नगरी उज्जैन में सदियों से संस्कृति और सभ्यता की परंपरा निरंतर अस्तित्व में बनी हुई है। उज्जैन अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र भी रहा है।
राष्ट्रपति ने सबसे पहले यहां सफाई मित्र सम्मेलन को संबोधित किया। इस सम्मेलन में उज्जैन के पांच सफाई मित्रों को सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति ने उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन हाईवे का वर्चुअल भूमि पूजन भी किया। कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति ने महाकाल मंदिर में पंचामृत अभिषेक पूजन किया। महाकाल लोक भी देखा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बाबा महाकाल को चंदन, सिंदूर, दूध, दही, घी और जल अर्पित किया। नंदी हॉल में बैठकर ध्यान लगाया। राम गुरु, आकाश पुजारी और बाला गुरु ने पूजन के बाद केसरिया दुप्पटा ओढ़ाकर राष्ट्रपति को प्रसाद दिया। वे 28 मिनट तक मंदिर में रहीं। इस दौरान स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाकाल मंदिर में झाड़ू लगाकर सफाई की।
राष्ट्रपति मुर्मू ने उज्जैन में कहा, 'मैंने अपनी जनसेवा की यात्रा स्वच्छता के कार्य से ही की थी। नोटिफाइडड एरिया काउंसिल की अध्यक्ष रहने के दौरान मैं प्रति दिन एक वार्ड से दूसरे वार्ड जाती थी। सफाई कार्य का निरीक्षण करती थी। इस दौरान अच्छे कामों को देखकर खुशी होती थी। पिछले 10 वर्षों में स्वच्छता अभियान देशव्यापी अभियान बन गया है। इससे देश में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि मध्यप्रदेश के कई शहरों को सफाई मित्र सुरक्षित शहर घोषित किया गया है।'
इसके बाद राष्ट्रपति इंदौर के लिए रवाना हो गईं। यहां देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शिरकत कर रही हैं। वे यहां पर अलग कोर्स के 46 टॉपर्स (छात्रों) काे गोल्ड मेडल देगी।