भोपाल के मोतीनगर में अतिक्रमण के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई, 110 दुकानों पर चला बुलडोजर
भोपाल के मोतीनगर बस्ती में रविवार सुबह 5 बजे से शुरू हुई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दोपहर 2 बजे खत्म हुई। इस दौरान 110 दुकानें गिरा दी गईं और मलबा हटाने का काम अभी जारी है।

भोपाल| शहर के मोतीनगर बस्ती में रविवार सुबह 5 बजे से शुरू हुई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दोपहर 2 बजे खत्म हुई। इस दौरान 110 दुकानें गिरा दी गईं और मलबा हटाने का काम अभी जारी है। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने एक किलोमीटर के दायरे में बैरिकेड्स लगाकर आवाजाही पर रोक लगा दी, जिसे दोपहर 12:30 बजे हटा दिया गया। सुभाषनगर ब्रिज को भी अस्थायी रूप से बंद रखा गया, और मीडिया को भी इलाके में जाने की अनुमति नहीं दी गई।
अतिक्रमण हटाने के लिए 10 जेसीबी, 2 बड़ी पोकलेन, 25 डंपर, 10 ट्रैक्टर-ट्रॉली और 50 लोडिंग गाड़ियां तैनात की गईं। इस पूरी कार्रवाई में जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और रेलवे के करीब 1000 अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। कार्रवाई का विरोध कर रहे कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला को पुलिस ने उनके घर में नजरबंद कर दिया।
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दरअसल, सुभाषनगर ब्रिज की तीसरी लेन और रेलवे की तीसरी लाइन के विस्तार के लिए इस इलाके के 384 मकान और 110 दुकानों को हटाया जा रहा है। दुकानों को हटा दिया गया है और आगामी दिनों में मकानों को भी तोड़ा जाएगा। कांग्रेस इस कार्रवाई का विरोध कर रही है, जिसके चलते पुलिस ने मौके पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की थी।
6 फरवरी को प्रशासन ने इलाके में पहुंचकर लोगों को अपना सामान हटाने का अल्टीमेटम दिया था, जिसके बाद कई दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें खाली कर दी थीं। सुरक्षा के लिहाज से सुभाषनगर ब्रिज को दोनों ओर से पुलिस बल की तैनाती के साथ बंद कर दिया गया था, ताकि किसी भी तरह की पत्थरबाजी या हंगामे को रोका जा सके।
इस दौरान एक मैरिज गार्डन में सगाई समारोह के लिए पहुंचे लड़की पक्ष के लोगों की गाड़ियां भी बैरिकेड्स पर रोक दी गईं। पुलिस ने उन्हें सुरक्षा के बीच कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाया।
प्रशासन ने इस कार्रवाई को व्यवस्थित तरीके से अंजाम देने के लिए रचना नगर, रायसेन रोड, सुभाषनगर और बोगदा पुल पर बैरिकेडिंग कर किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं दी। चार एसडीएम, चार तहसीलदार, 10 नायब तहसीलदार, 10 राजस्व निरीक्षक, 50 पटवारी, 50 कोटवार और 200 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस कार्रवाई की जिम्मेदारी एसडीएम एलके खरे, डॉ. अर्चना रावत, रविशंकर राय और रवीश श्रीवास्तव को सौंपी थी। वहीं, कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने इसे राजनीतिक नफरत की कार्रवाई बताते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने मोतीनगर को तोड़कर भोपाल की गंगा-जमुना तहजीब को कलंकित कर दिया है।
शुक्ला लगातार बस्ती को हटाने का विरोध कर रहे थे और उन्होंने कलेक्टर और एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा था। तीन दिन पहले उन्होंने एक दुल्हन को कलेक्टर के पास ले जाकर अपील की थी कि कार्रवाई के चलते कई शादियां प्रभावित हो सकती हैं, वहीं बच्चों की परीक्षाएं भी नजदीक हैं।
प्रशासन ने पहले 4 फरवरी को कार्रवाई करने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस बल की अनुपलब्धता के कारण इसे टाल दिया गया। बाद में लोगों को दो दिन का समय दिया गया, जिसके दौरान कई दुकानदारों ने खुद ही अपने सामान हटा लिए।