भाजपा ने बूढ़े सांसदों को विधायकी का टिकट दिया, युवा सिर्फ दरी बिछाएंगे, प्रत्याशियों की सूची पर बोले नारायण त्रिपाठी

बीजेपी की दूसरी सूची पर नारायण त्रिपाठी ने तंज कसते हुए कहा कि इतने बुजुर्ग सांसद, नेता, मंत्रियों को अगर बीजेपी चुनाव लड़ा सकती है तो फिर मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी को किनारे क्यों कर दिया?

Updated: Sep 26, 2023, 06:21 PM IST

मैहर। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने रविवार को 39 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की जिसमें कई चौकाने वाले नाम शामिल हैं। इस सूची में बीजेपी ने अपने तीन मौजूदा विधायकों के टिकट भी काट दिए हैं। इनमें मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी का नाम भी शामिल है। टिकट कटने पर नारायण त्रिपाठी ने कहा कि हम पृथक विंध्य प्रदेश बनाने की मांग पर अडिग हैं।

दरअसल, बीजेपी ने इस बार नारायण त्रिपाठी की जगह मैहर से श्रीकांत चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसपर नारायण त्रिपाठी ने कहा, 'बीजेपी की दूसरी लिस्ट में जिन प्रत्याशियों को उतारा गया है, उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं। मैं न इस रेस में था और न ही दावेदार था। क्योंकि मैं विंध्य प्रदेश के पुर्ननिर्माण की लड़ाई लड़ रहा हूं। इसलिए विंध्य प्रदेश बनने तक यह लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।'

बीजेपी की दूसरी सूची में दिग्गजों को टिकट दिए जाने को लेकर नारायण त्रिपाठी ने तंज कसते हुए कहा, 'इतने बुजुर्ग सांसद, नेता, मंत्रियों को अगर बीजेपी चुनाव लड़ा सकती है तो फिर मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी को किनारे क्यों कर दिया गया था। अब अगर सांसद विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे तो क्या विधायक सरपंच का चुनाव लड़ेंगे। युवा राष्ट्र की कल्पना करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने अपने बुजुर्ग नेताओं को विधानसभा का प्रत्याशी बनाया है।'

त्रिपाठी ने आगे कहा, 'पार्टी ने बूढे़ सांसदों को विधायकी का टिकट देकर युवा के रूप में अवतरित किया है। ऐसा कर युवाओं को यह संदेश दिया है कि वह पार्टी में दरी बिछाने की योग्यता ही रखते हैं और आगे भी यही कार्य करेंगे।' बता दें कि नारायण त्रिपाठी पृथक विंध्य प्रदेश बनाने की मांग को लेकर भाजपा के खिलाफ लगातार आवाज बुलंद करते रहे हैं। उन्होंने हाल के दिनों में एक नई पार्टी गठित करने का भी ऐलान किया था।

ऐसे में अब भाजपा ने त्रिपाठी के जगह श्रीकांत चतुर्वेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है। श्रीकांत साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी थे और बीजेपी प्रत्याशी नारायण त्रिपाठी से 2,984 मतों से चुनाव हार गए थे। श्रीकांत को 51,893 और नारायण को 54,877 वोट मिले थे। नारायण के बागी तेवरों के चर्चा में आने के बाद श्रीकांत बीजेपी में शामिल हो गए थे।