Letter to CM: चंद्रपुरा के किसान आत्महत्या करना चाहते हैं

Land Compensation: छतरपुर जिले के कलेक्टर कहते हैं काम होने दो, पैसा बाद में मिलेगा

Publish: May 21, 2020, 08:44 PM IST

Photo courtesy : indian express
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झांसी-खजुराहो राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़कों के चौड़ीकरण का काम किया जा रहा है। जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है, उन्हें अब तक उचित मुआवजा नहीं मिला है। अपनी भूमि के लिए तीन साल से उचित मुआवज़ा न मिलने से परेशान छतरपुर में चंद्रपुरा के किसानों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है। प्रशासन के रवैये से परेशान छतरपुर के 18 किसानों ने मुख्यमंत्री से सामूहिक आत्महत्या की अनुमति मांगी है।

किसानों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पत्र में कहा है कि एक तो आर्थिक बदहाली ऊपर से जमीन का उचित मुआवज़ा न मिलना उनके ऊपर कहर बरपाने जैसा है। किसानों ने बताया कि राष्‍ट्रीय राजमार्ग 76/75 झांसी-खजुराहो खंड का चौड़ीकरण तथा निर्माण कार्य जारी है। इसके लिए जमीन का अधिग्रहण कर मुआवजा दिया जा चुका है। मगर बाद में रोड का एलाइंमेंट मिलाने पर पता चला कि और जमीन का अधिग्रहण करना होगा। इस जानकारी के बाद प्रशासन ने दूसरी बार जमीन का अधिग्रहण किया। इसके अवार्ड को पहले 13 अप्रैल 2017 और फिर 16 जनवरी 2018 को दिए गए है। दो अलग-अलग बार जमीनों का अधिग्रहण 10 माह के अंतराल में किया गया लेकिन उन्हें दूसरी बार अपनी जमीन का मुआवजा दस गुना कम मिला रहा है। एक तो मुआवजा अब तक नहीं मिला है, तो वहीं जो रकम किसानों को भुगतान की जानी है वह भी दस गुना कम है।

तीन साल बाद भी नहीं हुई है सुनवाई

किसानों ने अपनी आत्महत्या की मंशा जताते हुए पत्र में लिखा है अनुविभागीय अधिकारी छतरपुर द्वारा जब अधिग्रहण की जांच की गई, तब उसमें उनकी ज़मीन सम्मलित नहीं पाई गई थी। उसके बाद अनुविभागीय अधिकारी ने पटवारी की रिपोर्ट के आधार पर एन.एच.ए.आई को रिपोर्ट भेजी और जमीन को जुड़वाया लेकिन भूमि अधिग्रहण करने के तीन साल बाद भी उनको मुआवजा अब तक नहीं मिला है।

अधिकारी जेल भेजने की दे रहे हैं धमकी

किसानों ने यह आरोप लगाया है कि ज़िले के कलेक्टर शैलेंद्र सिंह उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। अनुविभागीय अधिकारी और एन.एच.ए.आई के कर्मचारियों के साथ मिल कर किसानों पर केस दर्ज कर जेल भेजने की धमकी दी जा रही है। उनकी भूमि अधिग्रहित की जा चुकी है, निर्माण कार्य भी शुरू किया जा चुका है। ऐसे में अब किसानों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर कहा है कि उनके पास सामूहिक आत्महत्या करने के अलावा कोई उपाय नहीं है। या उन्‍हें आत्‍महत्‍या की अनुमति दें या उनकी सुनवाई करें।