शिवराज सरकार के खिलाफ सहकारिता कर्मचारियों ने खोला मोर्चा, पॉलिटेक्निक चौराहे पर धरने पर बैठे

अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मध्य प्रदेश सहकारिता समिति के कर्मचारी सड़कों पर उतर चुके हैं और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

Updated: Apr 07, 2023, 06:52 PM IST

भोपाल। चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार सभी मोर्चों पर विरोध झेल रही है। इसी बीच अब प्रदेश के सहकारिता समिति कर्मचारियों ने भी शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सहकारिता कर्मचारी
अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। शुक्रवार को राजधानी भोपाल में उनका बड़ा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला।

मध्य प्रदेश सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ के बैनरतले शुक्रवार को प्रदेशभर से सहकारिता कर्मचारी भोपाल में जुटे। वे सीएम हाउस का घेराव करने निकले। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बेरिकेडिंग करके पॉलीटेक्निक चौराहे पर ही रोक दिया। इसके बाद वे सड़क पर ही धरना देने बैठ गए। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष बीएस चौहान ने बताया कि कमीशन के हिसाब से काम नहीं करेंगे। प्रदेश के सभी सहकारिता कर्मचारी 7 अप्रैल से काली पट्‌टी बांधकर काम करेंगे। 22 अप्रैल तक काली पट्‌टी बांधकर प्रदर्शन किया जाएगा। मांगें पूरी नहीं हुई तो 24 अप्रैल को फिर से भोपाल आएंगे और सीएम हाउस का घेराव करेंगे। 

विरोध कर रहे सहकारिता कर्मचारियों की मांग है कि
साल 2019 में जारी सेवा नियम अनुसार वेतनमान लागू किया जाए। संस्थाओं के सहायक, प्रभारी प्रबंधक, लिपिक, विक्रेता, कनिष्ठ विक्रेता, कम्प्यूटर ऑपरेटर, कैशियर, भृत्य, चौकीदार, तुलैया आदि कर्मचारियों को ग्रामीण स्तर पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों की भांति वेतनमान दिया जाए। साथ ही प्राइवेट उपभोक्ता भंडार, स्व-सहायता समूह, वन उपज समिति आदि को 200 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन या 20 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाए।