ED अफसरों ने राहुल गांधी के खिलाफ वीडियो बनाने को कहा, कारोबारी के सुसाइड नोट में सनसनीखेज खुलासा

आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा का शव शुक्रवार सुबह घर में फंदे पर लटका मिला। घटनास्थल पर 5 पेज का सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें सनसनीखेज बातें लिखी हुई है।

Updated: Dec 13, 2024, 07:18 PM IST

सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा का शव शुक्रवार सुबह घर में फंदे पर लटका मिला। घटनास्थल पर 5 पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अफसरों पर दबाव बनाकर प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है।

कारोबारी ने सुसाइड नोट में लिखा कि ईडी के अफसर ने उसके कंधे पर जूते रखकर कहा कि यहीं तेरी औकात है। उन्होंने कहा कि इतनी धाराएं लगाऊंगा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनकर भी नहीं हटा पाएगा। परमार ने नोट में लिखा है कि ED ने उनके घर से दस लाख रुपए और 70 ग्राम सोना जब्त किया। लेकिन पंचनामा में इसका उल्लेख नहीं किया।

सुसाइड नोट में परमार ने लिखा है कि ईडी के अफसर 5 दिसंबर की सुबह मेरे घर आए। पहले उन्होंने घर के कैमरे बंद किए। घर के लोगों के साथ संजीत कुमार साहू गाली-गलौज और मेरे साथ मारपीट करने लगे। सभी के फोन छीन लिए। बच्चों को और पत्नी को कमरे में बंद कर दिया। सोफे से लेकर बेड तक पर जूते पहनकर सर्च करते रहे। 

परमार के अनुसार हर आधे घंटे में बोलते रहे कि तुम और तुम्हारा परिवार भारतीय जनता पार्टी (BJP) में होते, तो तुम पर केस नहीं होता। तुम्हारे बच्चे राहुल गांधी से मिलते हैं। राहुल गांधी के पास कितनी संपत्ति है। तुम्हारे बच्चे और तुमको पता होगा बताओ। राहुल गांधी भी तुम्हारी मदद नहीं कर पाएगा।

सुसाइड नोट में परमार ने लिखा है कि मेरे बार-बार निवेदन के बाद भी दिनभर खाने का दाना तक नहीं दिया। वह लोग बाहर से खाना मंगवाकर खाते रहे। यहां तक कि मुझे बाथरूम जाना होता, तो संजीत कुमार साहू दरवाजा खोलकर सामने खड़े होकर टॉयलेट करवाने लेकर जाते थे। बार-बार एक ही बात बोलते थे कि मामला निपटाना हो, तो बच्चों को BJP जॉइन करवा दे, मामला खत्म हो जाएगा।

बता दें कि मनोज परमार ने न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को गुल्लक भेंट की थी। इसके बाद वे चर्चा में आ गए थे। ईडी ने 5 दिसंबर को उनके चार ठिकानों पर छापे मारे थे। मनोज और नेहा परमार के तीन बच्चे हैं। एक 18 वर्ष की बेटी जिया, 16 वर्ष का बेटा जतिन और 13 साल का यश। जतिन ने कहा कि ईडी वालों ने मानसिक तौर पर प्रेशर बनाया था। इस कारण माता-पिता ने सुसाइड किया है। ये बच्चे उस समय सुर्खियों में आए थे तब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता को अपनी गुल्लक भेंट की थी। राहुल गांधी ने इन बच्चों से मुलाकात की थी और गुल्लक स्वीकार भी किया था। इसके बाद इन बच्चों की पहचान गुल्लक टीम के रूप में होने लगी थी।