मुरैना पुलिस के कस्टडी में दलित युवक की मौत, थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड
क्या मप्र में दलित होना अपराध है? कटनी के बाद मुरैना में अनुसूचित जाति के लोग पुलिस के निशाने पर हैं! पुलिस थानों में ही दलितों की हत्या क्यों कर रही है: जीतू पटवारी
मुरैना। मध्य प्रदेश में कस्टोडियल डेथ के मामले नहीं थम रहे हैं। खंडवा के बाद अब मुरैना में एक दलित युवक की हिरासत में मौत हो गई। मुरैना के सिविल लाइन थाने की हवालात में रविवार सुबह युवक की संदिग्ध मौत हुई। पुलिस का दावा है कि आरोपी ने हवालात में फांसी लगाकर आत्महत्या की है।
पुलिस ने उसे 2023 हुए हत्या के मामले में गिरफ्तार किया था। परिजनों ने पुलिस पर 5 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया है। जिसके बाद एसपी समीर सौरभ ने TI, हेड कॉन्स्टेबल और एक आरक्षक को निलंबित कर दिया है। घटना सिविल लाइन थाने की है। डॉक्टर और फोरेंसिक एक्सपर्ट जांच कर रहे हैं।
दरअसल, दिसंबर 2023 में अशोक जाटव नाम के शख्स की हत्या हुई थी। मामले में बालकृष्ण जाटव (31) उर्फ सनी पुत्र काशीराम आरोपी था। शनिवार रात 10 बजे पुलिस ने उसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अशोक रिश्ते में बालकृष्ण का जीजा लगता था। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसे 4 दिन पहले उठाया था, लेकिन मौत कैसे हुई, इसका सही-सही खुलासा नहीं कर रही।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने वीडियो कॉल पर परिजनों से बात की है। मृतक बालकृष्ण के बड़े भाई कल्लू ने बताया कि पुलिस ने उसे छोड़ने के लिए 5 लाख मांग रही थी। परिजनों का दावा है कि शनिवार को सिविल लाइन थाने के हेड कॉन्स्टेबल पवन त्रिवेदी को 1 लाख 10 हजार दिए थे।
घटना को लेकर जीतू पटवारी ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। पटवारी ने ट्वीट कर सीएम यादव से पूछा कि क्या मप्र में दलित होना अपराध है? कटनी के बाद मुरैना में अनुसूचित जाति के लोग पुलिस के निशाने पर हैं! आपकी पुलिस थानों में ही दलितों की हत्या क्यों कर रही है? आंबेडकर की विचारधारा के लोगों से भाजपा सरकार को इतनी नफरत क्यों है? उन्होंने जिला एसपी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है।