जमानत पर जेल से बाहर आईं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे, कहा- लोकतंत्र बचाने की लड़ाई में जनता मेरे साथ

निशा बांगरे को मंगलवार को जमानत मिल गई। इसके बाद उन्हें देर रात जेल से रिहा किया गया। बताया जा रहा है कि निशा बांगरे को ₹10 हजार के मुचलके पर जमानत दी गई है।

Updated: Oct 11, 2023, 08:46 AM IST

भोपाल। डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को 10 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत मिल गई। मंगलवार देर रात करीब 9 बजे भोपाल जेल से उनकी रिहाई हुई। जेल से बाहर आकर बांगरे ने अपने 5 साल के बेटे को गोद में लेकर गले से लगाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की लड़ाई में जनता मेरे साथ है।

निशा बांगरे को सोमवार को पुलिस ने हिरासत में लेकर विशेष कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया, जहां उन्होंने जमानत लेने से इनकार कर दिया था। जिसके चलते उन्हें जेल भेज दिया गया था। मंगलवार को उन्हें विशेष कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की ही कोर्ट से जमानत दे दी गई। बांगरे को 10 हजार के मुचलके पर जमानत दी गई है।

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बता दें कि निशा बांगरे डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे चुकी हैं, लेकिन तीन माह से भी अधिक का समय बीत जाने के बावजूद सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए निशा ने आमला से भोपाल तक की पैदल न्याय यात्रा निकालीं थीं। सोमवार को यात्रा जब भोपाल पहुंची तो उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बोर्ड आफिस चौराहे पर अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सीएम हाउस की तरफ बढ़ रहीं थीं।

इस दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सीएम हाउस के बाहर आमरण अनशन करने की चेतावनी दी थी। भोपाल में पुलिस ने निशा के साथ न केवल बदसलूकी की बल्कि उनके कपड़े भी फाड़ दिए थे। बांगरे के गले में बाबा साहब अम्बेडकर की तस्वीर भी थी। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने उसे भी फाड़ दिया।

बता दें कि आमला में सर्वधर्म शांति सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति न मिलने के बाद निशा बंगरे ने 22 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। बांगरे का कहना है कि तरह-तरह के पेंच लगाकर मुझे न्याय से वंचित किया जा रहा है। न्यायालय में भी गलत जानकारी प्रस्तुत की जा रही है। 8इसके पहले निशा बांगरे ने बताया था कि उनके साथियों को न्याय यात्रा बंद करने की धमकी दी जा रही है। निशा बांगरे ने मीडिया से चर्चा में कहा था कि उनके साथियों से कहा जा रहा है कि इस यात्रा को बंद कर दीजिए नहीं तो क्या पता राजनीति में कब आपके ऊपर या आपके किसी साथी के ऊपर गोली चल जाए या कोई ट्रक-डंपर आपको कुचल भी सकता है।