प्रदेश में कानून व्यवस्था बदहाल, गृह विभाग की जिम्मेदारी नहीं संभाल पा रहे CM मोहन यादव: जयवर्धन सिंह

कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने इंटक के सम्मेलन में कहा कि वर्तमान सरकार मजदूरों का शोषण करने में जुटी हुई है। मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है, जबकि ठेकेदार मुनाफा कमा रहे हैं।

Updated: Mar 31, 2025, 05:02 PM IST

ग्वालियर। राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह इंटक के दो दिवसीय प्रांतीय सम्मेलन में शामिल होने ग्वालियर पहुंचे। इस दौरान जयवर्धन सिंह ने मोहन सरकार पर जमकर निशाना साधा। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज बची ही नहीं, जबकि गृह विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के ही पास है।

सिंह ने लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वर्तमान में जो कानून व्यवस्था है वो बहुत चिंतजन है। एक तरफ तो स्वयं सीएम ही गृहमंत्री हैं, लेकिन अगर हम महु की बात करें तो जिस दिन न्यूजीलेंड का मैच हुआ उस दिन वहां पर हिंसा हुई। मऊगंज में दुखद हादसा हो गया। दमोह या फिर मुरैना... ऐसे अनेकों हादसे हुए, जिससे स्पष्ट दिख रहा है कि कानून व्यवस्था पर जो नियंत्रण सीएम साहब का होना चाहिए वह नहीं दिख रहा है।

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उन्होंने कहा कि सीएम साहब को मेरी सलाह है कि वो गृहमंत्रालय किसी और को दे दें, क्योंकि यह ऐसा विभाग हैं जिसके पास पूरी प्रदेश की सुरक्षा और कानून व्यवस्था का भार रहता है, जो फिलहाल उनसे नहीं संभल रही है। जयवर्धन सिंह ने आगे कहा कि वर्तमान सरकार मजदूरों का शोषण करने में जुटी हुई है। मजदूरों को उनका हक नहीं मिल रहा है, जबकि ठेकेदार मुनाफा कमा रहे हैं। 20 साल में भाजपा के राज में हमारे प्रदेश में एक भी नया उद्योग स्थापित नहीं हुआ। 

जयवर्धन सिंह ने ग्वालियर चंबल मे औद्योगिकरण न होने संबंधी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि हम जब ग्वालियर के विकास के बारे में बात कर रहे हैं तो बड़े आश्चर्य की बात है कि ऐसे अद्भुत मंत्री है ग्वालियर में जो स्वयं विकास नहीं कर पा रहे हैं। यह मंत्री दूसरों को विकास करने के लिए बुला रहे हैं। सिंह ने कहा कि आप काम नहीं कर पा रहे हो तो मंत्री क्यों बने हो।।उनको इतना बड़ा सम्मान मिला हैं, पद मिला हैं और अगर वो मंत्री होने के बाद भी काम नहीं कर पा रहे हैं तो इस्तीफा दे दें।

जयवर्धन सिंह ने कहा कि कोई और क्षमतावान हो वह मंत्री बन जाए क्यों कि मंत्री तो वह व्यक्ति होता हैं जो काम कराता हैं। अब जब धरना मंत्री ही देंगे तो आप स्वयं कल्पना कीजिये कि ग्वालियर के आमजन की क्या स्थिति होंगी। मैं चाहता हूं कि अगर मंत्री जी चाहे तो में उनकी सीएम साहब से सिफारिश कर दें कि मंत्री जी की सुन लो। सिंह ने बेरोजगारों का नाम बदलकर आकांक्षी युवा करने के फैसले को युवाओं के साथ मज़ाक बताया।