एमपी में लापरवाही की बाढ़, नदी की राह से हटेंगे गांव

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Updated: Aug 15, 2021, 03:46 AM IST

अब अलग अलग अखबार पढ़ने से मुक्ति। हम समवेत के 'समाचार सारांश' में सुनिए एमपी के अखबारों में छपी खबरें एक साथ। यहां आपको मिलेगी वो खबरें जो आपके लिए जानना महत्वपूर्ण हैं।

लापरवाही की बाढ़, अब गांव हटाएगी सरकार

मध्य प्रदेश में हर साल बाढ़ में घिरने वाले गांवों को सरकार ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करेगी। शनिवार को बाढ़ पीड़ित जिलों की वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों में 16 अगस्त से दौरे करूंगा। दूसरी तरफ राज्यसभा सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भितरवार क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा करने के बाद कहा है कि मैंने अपने राजनैतिक जीवन में ग्वालियर क्षेत्र में ऐसी बाद कभी नहीं देखी है। अतिवृष्टि से बाढ़ के रूप में आई तबाही प्रशासन की बड़ी लापरवाही का नतीजा है।लगातार हो रही बारिश के दौरान शासन-प्रशासन के जिम्मेदारों ने बांधों की सही तरह से मॉनीटरिंग नहीं की। जिससे नदियों में एक साथ छोड़े गए पानी से नदी किनारे के गांवों में बाढ़ आ गई। 


एमपी के 75 फीसदी आईएएस किसान

प्रदेश के आईएएस अफसरों को भोपाल में खेती किसानी के लिए खेती की जमीन रास आ रही है। ये अफसर भले ही किसी अन्य प्रदेश के हों, लेकिन मप्र कैडर मिलते ही इन्होंने भोपाल के आसपास के गांवों में जमीनें खरीदीं। ये लोग गेहूं, चना से लेकर आधुनिक बागवानी और फल-फूलों की खेती कर रहे हैं। इससे इन्हें कमाई भी हो रही है। इनमें से कई ने सरकार को अपनी इस कमाई के बारे में बताया है। प्रदेश में अभी मप्र कैडर के 359 आईएएस अफसर हैं। इनमें से 215 से ज्यादा (75%) अफसरों के पास सिंचित और असिंचित जमीन है।


टिड्डी दल से बचाव के लिए भोपाल में बन रहे हैं उपकरण

राजधानी स्थित केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के एक शोध के चलते जल्द ही टिड्डी दलों पर नियंत्रण पाना आसान हो जाएगा। संस्थान के शोधकर्ताओं ने कंपन या वाइब्रेशन और कीटों में पाए जाने वाले फीरोमोन्स के माध्यम से टिड्डियों पर नियंत्रण पाने की तकनीक विकसित की है। इसके लिए उपकरण बनाने पर काम चल रहा है। संस्थान के इस शोध प्रस्ताव को केन्द्र सरकार ने भी मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि इसमें किसी भी प्रकार के रसायन या नुकसानदेह पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाएगा।