MP में खाद की किल्लत से जूझ रहे हैं किसान, बड़े स्तर पर हो रही है कालाबाजारी

मध्य प्रदेश में खाद की कमी से किसान परेशान हैं। किसानों को महंगे दामों पर खाद मिल रहा है। खाद की परेशानी पर कांग्रेस ने भाजपा पर हमला बोला है।

Updated: Nov 22, 2023, 01:58 PM IST

मुरैना। मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत से अन्नदाता किसान परेशान है। पर्याप्त मात्रा में किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है तो उन्हें महंगे दामों पर अपनी जरूरतें पूरी करना पड़ रही है। प्रदेश में बड़े स्तर पर खाद की कालाबाजारी हो रही है। लेकिन सरकार न तो खाद दिलाने को लेकर गंभीर है न ही कालाबाजारी करने वालों पर कार्रवाई हो रही है।

खाद की किल्लत और कालाबाजारी का ताजा मामला मुरैना के पोरसा से सामने आया है। जहां बाजार में खाद का बोरा 50 रुपए और डीएपी का बोरा 145 रुपए ब्लैक में बिका। इसकी शिकायत प्रशासन तक पहुंची, लेकिन जांच करने पहुंचे अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, डीएपी का बोरा 1500 रुपये का किसानों को दिया गया। जबकि सोसायटियों से डीएपी खाद का बोरा 1355 रुपये का दिया जा रहा है। बाजार में डीएपी का बोरा 145 रुपये तक कालाबाजारी में दिया जा रहा है। इसे लेकर किसानों ने हंगामा कर दिया।

किसानों ने घनश्याम ट्रेडर्स के दिए गए बिल बताते हुए, अपर कलेक्टर तक से शिकायत की। शिकायत के बाद कृषि विभाग के एसडीओ जांच व कार्रवाई के लिए पहुंचे, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने खाद के बोरे दुकानदार को वापस दिए और किसानों के रुपये व्यापारी ने लौटा दिए। किसानों ने बताया कि यूरिया का बोरा 50 रुपये तो डीएपी का बोरा 150 रुपये तक ब्लैक में दिया जा रहा है। सोसायटी से खाद नहीं मिल रहा है।

खाद की किल्लत और कालाबाजारी को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष केदार सिरोही में कहा कि भाजपा सरकार किसानों को लेकर कभी गंभीर नहीं रही है। पहले इन्होंने बोरी पर पीएम का फोटो लगा दिया इस वजह से आचार संहिता में खाद वितरण पर रोक लग गई। अब चुनाव बाद भी खाद संकट बरकरार है। किसान ब्लैक में खाद खरीदने पर मजबूर हैं। लेकिन हम किसान बंधुओं से कहना चाहते हैं कि अब बस 15 दिन और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी और उन्हें खाद मुहैया कराया जाएगा।