MP: खतरे में तीन बच्चेवालों की नौकरी, भिंड में शासकीय शिक्षक को नौकरी से धोना पड़ा हाथ

शिक्षक ने अपने तीन बच्चों के बारे में सरकार से जानकारी छिपाकर राज्य के दो बच्चों वाले नियम का उल्लंघन किया। इसलिए उन्हें अपनी नौकरी गंवानी पड़ गयी

Updated: Aug 08, 2023, 03:47 PM IST

Image courtesy- NBT
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भिंड। मध्य प्रदेश में यदि सरकारी नौकरी करने वालों के तीन बच्चे हैं तो सावधान हो जाएं। दो से अधिक बच्चे होने पर आपकी नौकरी संकट में पड़ सकती है। ताजा मामला भिंड से सामने आया है, जहां तीन बच्चे होने पर माध्यमिक स्कूल में शिक्षक की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है। प्रदेश में ऐसा पहले कई बार हो चुका है जब दो संतान पॉलिसी के तहत शिक्षक की नियुक्ति निरस्त की गई है।

भिंड जिले के CM राइज स्कूल में अंग्रेजी विषय के लिए माध्यमिक शिक्षक गणेश प्रसाद शर्मा की हाल ही में नियुक्ति की गई थी। गणेश प्रसाद की नियुक्ति के बाद उनके खिलाफ 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान होने संबंधित शिकायत की गई। शिकायत की जांच में पता चला कि गणेश प्रसाद शर्मा की तीसरी संतान भी है। उन्होंने स्वीकार किया कि शपथ पत्र में गलत जानकारी देकर माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी। 

मध्य प्रदेश सरकार के नियम के मुताबिक कोई भी सरकारी सेवक जिसकी तीसरी संतान 26 जनवरी 2001 के बाद पैदा हुई है तो वह सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं है। यानी 26 जनवरी 2001 के बाद अगर वे  तीसरे बच्चे के पेरेंट बनते हैं तो वे नौकरी के लिए अपात्र होंगे। मध्य प्रदेश के इसी नियम के लिए गणेश शर्मा को शिक्षक पद से हटा दिया गया। 
 
मध्य प्रदेश में ऐसा पहले भी कई बार हो चुका है। इससे पहले जून में इंदौर की एक महिला टीचर को तीसरी संतान होने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था। उन्होंने भी अपनी तीसरी संतान की जानकारी सरकार से छिपाई थी। लोक शिक्षण विभाग ने महिला टीचर को नौकरी से बाहर निकालने का फैसला किया था।