कांवड़ रूट की दुकानों पर नेमप्लेट लगाना जरूरी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने UP-उत्तराखंड सरकार के आदेश पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि दुकानदारों को पहचान बताने की जरूरत नहीं है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली। कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों को अपनी पहचान बताने के सरकारी आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि दुकानदारों को पहचान बताने की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस भी जारी किया है और शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकान मालिकों के नाम लिखने का आदेश दिया है। इसके बाद उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने भी यह आदेश जारी कर दिया। इसके खिलाफ एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के NGO ने 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
याचिकाकर्ता के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अल्पसंख्यकों की पहचान के जरिए उनका आर्थिक बहिष्कार किया जा रहा है। यह चिंताजनक है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि क्या सरकार ने इस बारे में कोई औपचारिक आदेश पास किया है। जिस पर वकील ने कहा कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से इसे लागू रही है। पुलिस कमिश्नर ऐसे निर्देश जारी कर रहे है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पुलिस ने इस मामले में अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था। होटल चलाने वालों को भोजन के प्रकार यानी वह शाकाहारी है या मांसाहारी की जानकारी देनी होगी। उन्हें अपना नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।