करणी सेना का आक्रोश देख बैकफुट पर सरकार, रैली के लिए मिली इजाजत, कल जंबूरी मैदान में जुटेंगे लाखों लोग

भोपाल में करणी सेना की महारैली कल, 21 सूत्री मांगों को लेकर जंबूरी मैदान में जुटेंगे लाखों लोग, करणी सैनिकों को रोकने के लिए जंबूरी मैदान में लगाए गए लोहे की चद्दरों को भी हटाया

Updated: Jan 07, 2023, 12:04 PM IST

भोपाल। करणी सेना का बढ़ता आक्रोश देख शिवराज सरकार बैकफुट पर आ गई है। प्रशासन ने करणी सैनिकों को भोपाल के जंबूरी मैदान में रैली के लिए इजाजत दे दी है। आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, जातिगत आरक्षण की पुनः समीक्षा व एट्रोसिटी एक्ट के विरोध सहित 21 सूत्री मांगों को लेकर कल यानी 8 जनवरी को जंबूरी मैदान में राजपूत समुदाय के लाखों लोग जुटेंगे।

दरअसल, प्रशासन ने पहले इस आंदोलन के लिए अनुमति नहीं दी थी। लेकिन करणी सैनिकों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुली चुनौती देते हुए कहा कि हर हाल में यह आंदोलन होकर रहेगा। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार के पास इंटेलिजेंस इनपुट थी की प्रदेशभर से लाखों लोग इस महारैली के लिए भोपाल कुच करने वाले हैं। परमिशन नहीं होने के बावजूद राजपूत समाज के लोग जंबूरी मैदान में जुटेंगे। ऐसे में राज्य सरकार ने आनन-फानन में रैली के लिए शर्तों के साथ अनुमति दे दी है। 

जंबूरी मैदान में शनिवार को सुबह 10 बजे लेकर शाम पांच बजे तक रैली करने की अनुमति दी गई है। इधर शुक्रवार दोपहर से ही भोपाल में करणी सैनिकों का जमावड़ा लगने लगा है। करणी सेना परिवार से शैलेंद्र सिंह झाला ने रैली में शामिल होने के लिए आ रहे लोगों को शांति कायम करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि लोग रास्ते में धीरे धीरे वाहन चलाएं और किसी के साथ कोई भी बहस नहीं करें।

शैलेंद्र सिंह झाला ने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार इस आंदोलन में व्यवधान डालने के लिए तरह तरह की षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने राजपूत समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे किसी के उकसावे में आकर कोई हिंसक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे। बल्की शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन को सफल बनाने की कोशिश करेंगे। 

इधर आंदोलन से पहले शनिवार से ही जंबूरी मैदान में भूख हड़ताल शुरू हो चुकी है। खास बात ये है कि करणी सेना परिवार के इस आंदोलन को कई समाज और संगठनों ने भी समर्थन दिया है। क्षत्रिय समाज के अलग-अलग संगठन तो इसमें शामिल होंगे ही, दिगंबर जैन समाज, सपाक्स पार्टी आदि ने भी समर्थन किया है। ब्राह्मण और ओबीसी समुदाय के अलग-अलग संगठनों ने भी इसका समर्थन किया है। साथ ही दलित वर्ग के लोग भी आंदोलन से जुड़ रहे है। करणी सेना इसे सर्व समाज का आंदोलन बता रही है। 

करणी सेना परिवार के अजीत सिंह डोडिया ने कहा कि कल प्रदेशभर से 'माई के लाल' भोपाल के जंबूरी मैदान में आएंगे। लाखों राजपूत आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। बच्चों से लेकर बुजुर्ग पैदल भोपाल के लिए कूच कर चुके हैं। हालांकि, आंदोलन को रोकने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। कई जिलों में बसों के परमिट नहीं दिए जा रहे हैं। इसलिए जिला स्तर पर आंदोलन करना पड़ रहा है। वहीं जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि जो नेता हमारे आंदोलन में बाधा डालने की कोशिश करेंगे, हम उन्हें विधानसभा चुनाव जीतने नहीं देंगे। 

बता दें कि करणी सेना परिवार ने 21 सूत्री मांगों को लेकर इस आंदोलन का ऐलान किया है। इसमें गौमाता को राष्ट्र माता बनाने की मांग, पद्मावत फिल्म के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लेने, ओल्ड पेंशन स्कीम, किसानों के हित में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने, आर्थिक आधार पर आरक्षण देने, एससी-एसटी एट्रोसिटी केस में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाने सहित कई मांगें शामिल है।