शिफ्ट में पानी मिलने से नाराज किसानों का हल्लाबोल, प्रशासन के खिलाफ केवलारी में किया उग्र प्रदर्शन

किसानों ने अफसरों को सुनाई खरी-खरी, भीमगढ़ बांध से 15-15 दिन की शिफ्ट में नहरों में भेजा जा रहा पानी, सूखने की कगार पर हजारों किसानों की फसल

Updated: Feb 12, 2022, 07:52 AM IST

सिवनी। केवलारी में सैकड़ों किसानों ने सिंचाई विभाग के खिलाफ हल्ला बोला। इलाके के दर्जनों गांवों के किसानों की फसलें सूखने की कगार पर हैं। यहां भीमगढ़ बांध से शिफ्ट के हिसाब से पानी की सप्लाई की जाती है। किसानों की मांग है कि दाई और बाईं ओर सप्लाई के फार्म्यूले से उन्हें मुक्ति मिले। गांवों को 15-15 दिन की शिफ्ट की जगह नियमित तौर पर पानी की सप्लाई की जाए।खेतों के सूखने से आक्रोशित किसानों ने शुक्रवार को प्रशासन और सिंचाई विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। पुलिस ने किसानों के लिए घेराबंदी कर रखी थी।

इस मौके पर सरेखा, पांजरा, परासपानी, पनवार, डोकर रांझी, मोहगांव, कड़वे समेत कई गावों के किसान मौजूद थे। किसानों का कहना है कि इलाके के बीजेपी विधायक राकेश पाल किसानों की सुध नहीं लेते। इस प्रदर्शन में किसान सत्याग्रह के क्रांतिकारी जुझारू नेता शिवम बघेल ने किसानों की बातों को अधिकारियों के समक्ष रखा। उन्होंने किसानों की समस्या गिनाते हुए रोचक अंदाज में अपनी बातें रखीं। शिवम बघेल का कहना है कि किसानों को सिंचाई के लिए लगातार पानी मिलना चाहिए, 15-15 दिन की शिफ्ट में नहीं। शिफ्ट में पानी मिलने से खेतों में लगी फसलों को नुकसान होता है।

किसानों की आधी से ज्यादा फसलें सूख गई हैं, आज भी अगर पानी की सप्लाई होती है तो पूरा रकबा सिंचने के लिए महीने भर का समय लगेगा। एक नाली में 100 एकड कि संचाई होती है, अंतिम किसान के खेत में सिंचाई का नंबर 15-20 दिनों में आएगा। तब तक उसकी फसल सूखकर बरबाद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि RBC 64 में यह प्रावधान है कि किसान की फसल का किसी भी तरह से नुकसान होने पर सर्वे कराकर राहत प्रदान करवाई जाएगी। यही प्रावधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी है।

किसानों की फसलों का सर्वे होना चाहिए ताकि उन्हें मदद मिल सके। किसान संगठित नहीं है इसलिए अफसर किसानों से दुर्व्यवहार करते हैं। बिना सूचना के किसानों का पानी रोक देना गलत है। पहले पानी दिया जाता था, अब कह रहे हैं कि यहां नहर का क्षमता नहीं है, ढाई महीने पहले कैसे एक साथ पानी चला। पानी का शिफ्ट में बंटवारा करना कतई सही नहीं है।

और पढें: चलती ट्रेन में युवती से रेप, यशवंतपुर निजामुद्दीन संपर्क क्रांति एक्सप्रेस की पैंट्री कार में दरिंदगी

किसानों की मांग है कि नियमानुसार प्राकृतिक आपदा से फसलों के नुकसान का सर्वे करवा कर बीमा और राहत की राशि वितरित किया जाए। अब रविवार को अफसरों और किसानों की बैठक होगी जिसके बाद इस मामले का हल निकाला जाएगा। किसान नेता का कहना है कि अगर किसानों के हित में फैसला नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।