नर्मदा नदी में जलीय जीवों के संरक्षण हेतु बने कानून
जंगल में बाघ, यमुना में डॉल्फिन के संरक्षण क़ानून की तर्ज़ पर जलीय जीवों को बचाने की मुहिम
नर्मदा नदी को सरकार ने जीवित नदी बताया है। लेकिन इस नदी की साँसों को बचाने और उसके जीवन के ज़रूरी गुणतत्व पर सरकार का ध्यान नहीं है। नर्मदा में रेत उत्खनन की समस्या लगातार बढ़ रही है। इसका असर जलीय जीवों पर भी पड़ा है। अब नर्मदा की सवारी मगरमच्छ नदी से ग़ायब हो गए हैं। अनेक मछलियाँ भी नर्मदा में नहीं रहीं या को मर गयी हैं या मार दी गयी हैं। ऐसे में नरसिंहपुर जिसे के एक शिक्षक ने जलीय जीवों को बचाने के लिए एक मुहिम छेड़ी है। वो चाहते हैं कि देश में बाघों के संरक्षण के लिए सरकार क़ानून ला सकती है। यमुना में डॉल्फिन के संरक्षण की बात की जा सकती है तो नर्मदा जिससे तीन प्रदेशों की जनता लाभान्वित होती है और जिसे धार्मिक महत्व की वजह से लोग पूजा करते हैं, उसे पवित्र मानते हैं, सरकार उसके संरक्षण पर ध्यान नहीं दें रही। पेश है ऐसे ही शिक्षक गोविंद पटेल से नवनीत झा की बातचीत। पुराणों में इसे दुनिया की सबसे पुरानी नदी बताया गया है।