हाथियों को पकड़ते समय वाइल्ड लाइफ एक्ट का पालन अनिवार्य, MP हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार
कान्हा नेशनल पार्क में पकड़े गए जंगली हाथी पर भी कोर्ट ने अहम बाते रखी। कोर्ट ने जंगली हाथी को 15 दिनों के अंदर वापिस जंगल में छोड़ने का निर्देश दिया है। वहीं सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 से अब तक 10 जंगली हाथियों को पकड़ा गया है।

भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई है। दरअसल कोर्ट ने शहडोल से पकड़कर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व लाए गए जंगली हाथी की मृत्यु पर नाराजगी जताई है। जिसमें कहा गया कि इन्हें पकड़ते समय खास ध्यान रखा जाए। जिससे इन्हें कोई नुकसान न पहुंचे।
इसके अलावा कान्हा नेशनल पार्क में पकड़े गए जंगली हाथी पर भी कोर्ट ने अहम बाते रखी। कोर्ट ने जंगली हाथी को 15 दिनों के अंदर वापिस जंगल में छोड़ने का निर्देश दिया है। वहीं एक्सपर्ट कमेटी के चैयरमेन ने अदालत को बताया कि अब से हाथी को ट्रेक करने के लिए विदेश से मंगवाई गई कॉलर आईडी लगवाई जाएगी। जिससे जंगलों में उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। कोर्ट ने हाथियों को पकड़ते समय वाइल्ड लाइफ एक्ट का पालन करने की सलाह दी है।
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हाईकोर्ट ने सरकार से पिछले 30 सालों में पकड़े गए हाथियों का पूरा रिकॉर्ड भी मांगा है। वहीं सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 से अब तक 10 जंगली हाथियों को पकड़ा गया है। जिसमें एक्सपर्ट कमेटी ने कान्हा में मौजूद हाथियों को 15 दिनों के अंदर जंगल में वापिस छोड़ने का सुझाव दिया है। बता दें यह मामला रायपुर में रहने वाले नितिन सिंघवी की याचिका पर आधारित है। जिसमें केंद्रीय पर्यावरण विभाग की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा गया कि जंगली हाथियों को पकड़ना अंतिम उपाय होना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।