बीमार तंत्र, अपनी सरकार में विजयवर्गीय ने खोला मोर्चा  

डॉक्‍टरों और संसाधनों की कमी झेल रहे मप्र में कोरोना से निपटने की तैयारियों के बीच दूसरे गंभीर रोगियों की अनदेखी हो रही हैं।इंदौर में इतनी परेशानी बढ़ गई कि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय को अपनी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा।

Publish: Apr 14, 2020, 03:33 AM IST

भोपाल। डॉक्‍टरों और संसाधनों की कमी झेल रहे मप्र में कोरोना से निपटने की तैयारियों के बीच दूसरे गंभीर रोगियों की अनदेखी हो रही हैं। ह्रदय रोगी, बीपी और डायबिटीज रोगियों के अलावा बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को बढ़ी परेशानी हो रही है। इंदौर में इतनी परेशानी बढ़ गई कि भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय को अपनी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना पड़ा। विजयवर्गीय ने अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी नाराजगी व्‍यक्ति की।

सोशल डिस्टेंसिंग के चलते शासन स्तर से सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद कर दिए जाने के बाद डॉक्टर्स ने भी मरीजों से दूरी बनाना शुरू कर दिया है, जिससे कोरोना के अलावा अन्‍य रोगों के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। भिंड का जिला अस्‍पताल इसका उदाहरण है। जिला अस्पताल में भी संस्थागत प्रसव कराने के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं का आंकड़ा काफी नीचे गिर गया है। राजगढ़ जिला अस्पताल से कोरोना के प्रभारी डॉक्‍टर को इंदौर भेज दिया गया है। मप्र के 102 डॉक्‍टरों को इंदौर भेजा जा रहा है। इनके जाने से ग्रामीण अस्‍पतालों में समस्‍या होना तय है। सरकारी तथा निजी अस्‍पतालों में इलाज ने मिलने की शिकायतें भोपाल, इंदौर जैसे शहरों के मरीज भी कर रहे कि उन्‍हें सामान्‍य बीमारियों का इलाज नहीं मिल रहा है। लोग परेशान हो कर इलाज के लिए राजनेताओं की सहायता लेने को मजबूर हैं। इंदौर में तो परेशान लोगों ने भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय को आधी रात जगा कर इस समस्‍या की शिकायत की। इसके बाद विजयवर्गीय को हस्‍तक्षेप करना पड़ा।