जिंदगी की जंग हार गई रामप्यारी, हमीदिया अस्पताल में इलाज के दौरान मौत, दिग्विजय सिंह ने की 1 करोड़ मुआवजे की मांग

पिछले एक हफ्ते से जिंदगी और मौत से जूझ रही थी रामप्यारी, शुक्रवार शाम को हुई मौत, कांग्रेस नेताओं ने जताया दुख, परिजनों को 1 करोड़ मुआवजा और शासकीय नौकरी देने की मांग

Updated: Jul 09, 2022, 10:31 AM IST

गुना। मध्य प्रदेश के गुना में पिछले हफ्ते आदिवासी महिला को बेरहमी से जलाने की घटना ने सभी को झकझोर दिया था। गुना कांड की पीड़िता रामप्यारी शुक्रवार को जिंदगी की जंग हार गई। इलाज के दौरान हमीदिया अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। रामप्यारी के निधन पर कांग्रेस नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने 1 करोड़ मुआवजा देने की मांग की है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि, 'बड़े दुःख की बात है रामप्यारी बाई नहीं बच पाईं। मध्य प्रदेश शासन ने ऐसे अनेक प्रकरणों में 1 करोड़ रुपए का मुआवज़ा दिया है और परिवार जनों को 1-2 शासकीय नौकरियाँ भी दी है। सहरिया आदिवासी समाज की यही मॉंग है। मेरा मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है कि वे सहरिया समाज की इन माँगों को पूरा करें।'

MP यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष व आदिवासी नेता विक्रांत भूरिया ने लिखा कि, 'राम प्यारी बाई के निधन से मन बहुत दुःखी है। ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों मे स्थान दे व शोक संतृप्त परिवार को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें। शिवराज जी आपका तथाकथित आदिवासी प्रेम "राम प्यारी बाई" को दुनिया से ही ले गया। शर्मनाक।'

दरअसल, पिछले हफ्ते दबंगों ने जमीन कब्जाने की नियत से रामप्यारी को जिंदा जला दिया था। मामला बमोरी के धनोरिया गांव का है। यहां अर्जुन सहारिया को दिग्विजय सिंह की सरकार ने दशकों पहले पट्टे दिए थे। 
इसी जमीन को जोतकर वे अपना परिवार चलाते थे। लेकिन स्थानीय दबंगों ने पिछले एक साल से उसे कब्जा लिया था। कुछ महीने पहले तहसीलदार ने उक्त जमीन सहरिया परिवार को वापस कब्जा भी दिलाया था।

यह भी पढ़ें: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 15 लोगों की मौत, तीन दर्जन से अधिक श्रद्धालु लापता

तहसीलदार की दखल के बाद दबंगों ने आदिवासी परिवार को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उन्होंने तहसील प्रांगण में ही अर्जुन सहरिया के साथ मारपीट की, जिसकी FIR भी दर्ज है। इसके बावजूद वे आदिवासी परिवार को जान से मारने की धमकी देते थे। पीड़ित परिवार ने बमोरी थाने में प्रताड़ना के आवेदन दिए, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बीते 23 जून को ही अर्जुन ने एसपी को आवेदन देकर आरोपियों से अपनी जान का खतरा बताया था। लेकिन पुलिस ने सुरक्षा प्रदान नहीं की।

शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे अर्जुन सहारिया की पत्नी रामप्यारी बाई जब खेत पर थी तो वहीं दबंगों ने डीजल डालकर उन्हें आग के हवाले कर दिया। इस बर्बर घटना में उनके शरीर का 80 फीसदी हिस्सा जल चुका था। रामप्यारी को भोपाल की हमीदिया अस्पताल में लाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।