MP Lockdown : Online सूचना का अधिकार व्यवस्था हो लागू
करीब 8 महीने से मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट निष्क्रिय, 7000 अपीलें लंबित
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने मुख्य सूचना आयुक्त को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश में ऑनलाइन सूचना का अधिकार व्यवस्था लागू करने की मांग की है। सांसद विवेक तन्खा ने अपने पत्र में लिखा है कि कोरोना लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से शासकीय विभागों में RTI एक्ट के क्रियान्वयन का काम भी बंद है जिससे सरकार के विभिन्न विभागों के फैसलों और उनमें पारदर्शिता की जानकारी आम जनता को नहीं मिल पा रही है।
राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा का आरोप है कि करीब 8 महीने से मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग की वेबसाइट पूरी तरह से निष्क्रिय है। प्रदेश की जनता सूचना कार्यालय तक पहुंचने से वंचित है। यह सिद्ध करता है कि मध्यप्रदेश में सूचना आयोग संगठन भारतीय संसद की मंशा के अनुरूप कार्य करने में असफल है। यह सूचना के अधिकार अधिनियम की धारा-4 का उल्लंघन है। सांसद विवेक तन्खा ने इस पर जल्द कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस पर कार्रवाई नहीं की गई तो वो कोर्ट जाएंगे और संसद के मानसून सत्र में भी यह मुद्दा उठाएंगे। अत: जल्द से जल्द मध्यप्रदेश में ऑनलाइन सूचना का अधिकार व्यवस्था लागू की जाए।
आज State CIC & ICs को DO द्वारा सूचित किया की अविलम्ब ऑन लाइन आरटीआई शुरू कराये और ८ महीने से बांध वेब्सायट को क्रियान्वित करे अन्यथा यह सेक्शन ४ #आरटीआई ऐक्ट की अवहेलना है। कोर्ट का रास्ता और पार्लमेंट में इस विषय को उठाने का मौक़ा ना देना SCIC के हित और जन हित में है। pic.twitter.com/Shm8DNYC1d
— Vivek Tankha (@VTankha) June 5, 2020
हालांकि कुछ दिनों पहले ही अखबारों में यह खबर छपी थी कि सरकार अब वीडियो कॉल पर सुनवाई और वाट्सअप पर आदेश देने की तैयारी कर रही है। खबर ये भी है कि मध्यप्रदेश के सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने मोबाइल फोन के जरिए वीडियो कॉल पर लंबित मामलों की सुनवाई शुरू भी कर दी है। सोमवार को प्रयोग के तौर पर सुने गए मामलों के आदेश भी दो घंटे के भीतर व्हाट्सएप पर भेजे गए। ऐसा दावा है कि उमरिया के एक प्रकरण में तो आदेश पहुंचने के पहले ही आवेदक को जानकारी मिल गई।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में RTI की 7000 अपीलें लंबित हैं।