MP: खंडवा में मदरसे से 20 लाख के नकली नोट बरामद, पुलिस ने इमाम को किया गिरफ्तार
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पैठियां गांव के मदरसे से 20 लाख रुपये की नकली करेंसी बरामद हुई। पुलिस ने इमाम जुबेर अंसारी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला सामने आते ही मदरसों पर सियासी बयानबाजी और जांच की मांग तेज हो गई है।
खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के पैठियां गांव के एक मदरसे से करीब 20 लाख रुपये की नकली करेंसी बरामद हुई है। पुलिस ने मस्जिद के इमाम जुबेर अंसारी के कमरे से 500-500 रुपये के नोटों के बंडलों से भरा एक बैग जब्त किया। इसमें कुल 19 लाख 78 हजार रुपये के फर्जी नोट मिले हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब महाराष्ट्र के मालेगांव पुलिस ने जुबेर और उसके साथी नजीम अकम अयूब अंसारी को मुंबई-आगरा हाईवे पर 10 लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया।
जांच में सामने आया कि दोनों आरोपी मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के रहने वाले हैं और नकली करेंसी को महाराष्ट्र की ओर सप्लाई करने जा रहे थे। मालेगांव पुलिस ने होटल एवन के पास जाल बिछाकर दोनों को पकड़ा था। तलाशी में पुलिस ने 500 रुपये के 2000 नकली नोट, दो मोबाइल फोन और एक चॉकलेट रंग का बैग जब्त किया। जांच में पुष्टि हुई कि सभी नोट पूरी तरह नकली हैं। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 179, 180 और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को आठ दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है।
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मालेगांव में गिरफ्तारी की खबर सामने आने के बाद जावर थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने मीडिया रिपोर्ट्स देखकर पहचान की है कि गिरफ्तार हुआ आरोपी जुबेर अंसारी पैठियां गांव की मस्जिद में इमाम के तौर पर काम करता है। इसकी सूचना मिलते ही खंडवा पुलिस सक्रिय हुई और पैठियां गांव पहुंचकर छापेमारी की। छापे के दौरान मदरसे के अंदर स्थित जुबेर के कमरे से नकली नोटों से भरा बैग बरामद हुआ।
पुलिस को शक है कि यह कोई एकलौता मामला नहीं बल्कि नकली नोट तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा है। पुलिस अब इस नेटवर्क की सप्लाई चेन और अन्य सहयोगियों की तलाश में जुटी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी कई बार मस्जिद से छुट्टी लेकर बाहर गया था और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल था। पैठियां मस्जिद के सदर कलीम खान ने बताया कि जुबेर को तीन महीने पहले ही इमाम के रूप में नियुक्त किया गया था। वह पहले बेनपुरा डोंगरी गांव में नमाज पढ़ाता था। लेकिन वहां से हटाए जाने के बाद पैठियां लाया गया। पिछले तीन महीनों में वह कई बार छुट्टी लेकर बाहर गया था। 26 अक्टूबर को वह यह कहकर गया कि उसकी मां बीमार है लेकिन इसके बाद वह वापस नहीं लौटा।
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इस घटना ने न सिर्फ स्थानीय प्रशासन बल्कि प्रदेश के सियासी गलियारों को भी हिला दिया है। मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि “मदरसे अब अवैध गतिविधियों के केंद्र बनते जा रहे हैं। पहले ऐसा नहीं था लेकिन अब बाहरी लोग आकर मदरसों का इस्तेमाल अवैध कामों के लिए कर रहे हैं।” उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के सभी मदरसों की जांच के लिए एक नीति बनाई जाए और मदरसों में पढ़ाने वालों की पूरी जानकारी सरकार के पास होनी चाहिए।
वहीं, विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा के केंद्र माने जाने वाले मदरसे आज आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के ठिकाने बनते जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “खंडवा वही जिला है जहां पहले भी आतंकियों को पकड़ा गया था। अब उसी जिले के मदरसे से 19 लाख से ज्यादा की नकली करेंसी मिलना बेहद गंभीर है। यह शिक्षा नहीं बल्कि भारत को अस्थिर करने का षड्यंत्र है।” शर्मा ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे ऐसे मदरसों के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग करें क्योंकि ऐसे मौलवी युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें गलत राह पर ले जा रहे हैं।
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फिलहाल खंडवा और मालेगांव पुलिस की संयुक्त जांच जारी है। दोनों आरोपी फिलहाल पुलिस कस्टडी में हैं और उनसे पूछताछ में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि नकली करेंसी कहां से लाई गई, कहां भेजी जानी थी और इस पूरे नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आएगी लेकिन शुरुआती संकेत यह साफ दिखा रहे हैं कि यह कोई सामान्य अपराध नहीं बल्कि एक संगठित तस्करी का हिस्सा है।




