MP: भावांतर योजना के विरोध में किसानों की ट्रैक्टर रैली, MSP पर सोयाबीन खरीदी की मांग

हरदा जिले में किसानों ने MSP पर सोयाबीन खरीदी शुरू न होने और भावांतर योजना को छलावा बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने मुआवजा, बीमा राशि, खाद-उर्वरक आपूर्ति और बेसहारा मवेशियों से फसलों की सुरक्षा की मांग की।

Updated: Oct 03, 2025, 05:50 PM IST

हरदा। MSP पर सोयाबीन की खरीदी शुरू नहीं होने को लेकर मध्य प्रदेश के किसानों में आक्रोश है। राज्य सरकार द्वारा लागू भावांतर योजना को सोयाबीन उत्पादक किसानों ने छलावा करार दिया है। साथ ही इसके खिलाफ जगह जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। हरदा जिले के ग्राम अबगांवखुर्द में शुक्रवार को आम किसान यूनियन के सदस्यों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली रैली निकालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। 

प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन ग्राम पंचायत सचिव और कृषि विभाग के ग्राम सेवक को सौंपा। उनका कहना था कि अतिवृष्टि, कीट और फसल रोगों के कारण कई क्षेत्रों की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। लेकिन इसके बावजूद सरकार ने अब तक सपोर्ट प्राइस पर खरीद के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। किसानों ने कहा कि भावांतर योजना केवल व्यापारी और बिचौलियों को लाभ देती है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि यह योजना तुरंत समाप्त की जाए।

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किसानों ने डीएपी और यूरिया सहित रासायनिक खाद की पर्याप्त आपूर्ति और प्रत्येक पंचायत तक वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने की भी मांग की। किसानों ने अपने प्रदर्शन के दौरान एमएसपी और मुआवजे की आवश्यकता पर भी जोर दिया। यूनियन से जुड़े सुनील गोल्या ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो जिला और राजधानी स्तर पर व्यापक और अनिश्चितकाल तक चलने वाली हड़ताल की जाएगी। 

किसानों की प्रमुख मांगों में भावांतर नीति को रद्द करना, अतिवृष्टि से खराब सोयाबीन फसल के लिए आरबीसी 6-4 के तहत त्वरित मुआवजा और बीमा राशि का भुगतान और बेसहारा मवेशियों से फसलों के नुकसान का समाधान शामिल हैं। किसानों ने बताया कि खाद व रासायनिक उर्वरकों की कमी से फसलें प्रभावित हो रही हैं। यूनियन ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि योजनाओं का सही प्रचार और वितरण सुनिश्चित किया जाए ताकि सभी किसानों को इनका लाभ मिल सके और कोई भी इससे वंचित न रहे।