पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ की BJP में वापसी, उपचुनाव के दौरान पार्टी ने दिखाया था बाहर का रास्ता

दमोह में साल 2021 में हुए उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी राहुल सिंह की हार हो गई थी। इस हार के लिए राहुल ने मलैया परिवार को जिम्मेदार ठहराया था

Updated: Apr 27, 2023, 05:07 PM IST

दमोह। चुनावी साल में बीजेपी अपने रूठे नेताओं को मनाने में लगी है। पिछले कुछ समय में नाराजगी के चलते जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी थी या फिर जिन्हें निष्कासित किया गया था, वह अब लगातार पार्टी में घर वापसी कर रहे हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ ने भी गुरुवार को बीजेपी में घर वापसी कर ली है। सीएम शिवराज और वीडी शर्मा ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।

राजधानी भोपाल स्थिति बीजेपी मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि पार्टी का आभार कि मुझे दोबारा मौका दिया गया। दरअसल, साल 2018 हुए विधानसभा चुनाव में पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह ने 798 वोट से चुनाव हरा दिया था। बाद में राहुल सिंह पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए। उसके बाद दमोह में उपचुनाव हुआ। इस बार जयंत के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने पार्टी से टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने कमिटमेंट के तहत राहुल सिंह को भाजपा का प्रत्याशी घोषित कर दिया।

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उपचुनाव में जयंत मलैया और उनके बेटे सिद्धार्थ ने पार्टी का प्रचार भी किया लेकिन भाजपा के प्रत्याशी राहुल सिंह चुनाव हार गए। राहुल सिंह जब चुनाव हार गए तो उन्होंने मलैया परिवार पर भीतरघात का आरोप लगाया। इसके बाद भाजपा संगठन ने जयंत मलैया को नोटिस भेजकर जवाब मांगा। साथ ही जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया और दमोह के पांच नगर मंडल अध्यक्षों को पार्टी से बाहर कर दिया। अब जयंत समेत सभी निष्कासित मंडल अध्यक्षों को एक बार फिर से भाजपा में शामिल किया गया है। ऐसे में अब राहुल सिंह के बागी होने के कयास लगाए जा रहे हैं।

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बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर किए जा रहे तमाम सर्वे में भाजपा की स्थिति खराब बताई जा रही है। जमीनी फीडबैक से चिंतित बीजेपी राज्य की सत्ता में वापसी के लिए तमाम हथकंडे अपना रही है। इसी क्रम में अब भाजपा ने रूठे नेताओं को मनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए कांग्रेस की तर्ज पर समन्वय समिति गठित की गई है। बीते दिनों समन्वय समिति के सदस्य के तौर पर नरेंद्र सिंह तोमर ने भोपाल में बैठक ली थी। खास बात ये है कि भाजपा ने नाराज नेताओं को मनाने के लिए उन सीनियर नेताओं को तैनात किया जो खुद सीएम शिवराज के रवैए से नाराज चल रहे हैं।